…………………… राहत मिली, लेकिन फिर छिन गई डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलोजी विभाग में कई सालों से डॉ. चतुर्वेदी एमजीएच व एमडीएमएच में भर्ती मरीजों के लिए एकमात्र चिकित्सक थे। हाल में आरपीएससी से नवचयनित डॉ. एसएस राठौड़ को सहायक आचार्य पद पर यहां प्रथम पोस्टिंग दी गई थी। एेसे में डॉ. राठौड़ की सप्ताह में मंगलवार व शुक्रवार को डॉ. चतुर्वेदी के साथ मरीज देखने की कवायद थी।
जोधपुर में महज एक सहायक आचार्य संभालेंगे व्यवस्था उनका शेष दिनों में गांधी अस्पताल में सुबह १० से दोपहर १ बजे तक सेवाएं चल रही थी। बताया जा रहा है कि जल्द ही डॉ. राठौड़ की सेवाएं महात्मा गांधी अस्पताल में आउटडोर के रूप में शुरू होने वाली थी। इससे एमडीएमएच के साथ एमजीएच में भी नेफ्रोलोजी पेशेंट देखने की सुविधा शुरू हो जाती, लेकिन सरकार के इस आदेश ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल अमिलाल भाट ने बताया कि उन्हें एमसीआई निरीक्षण के लिए लगाया गया हैं। गौरतलब है कि डॉ. चतुर्वेदी की छवि एक सिद्धांतवादी चिकित्सक के रूप में रही है। अब मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलोजी विभाग में आरपीएससी से नवचयनित डॉ. सुरेन्द्रसिंह राठौड़ के भरोसे पूरी व्यवस्था रहेगी। जबकि लंबे समय तक
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल और मथुरादास माथुर अस्पताल के मध्य डॉ. चतुर्वेदी के भरोसे पूरी व्यवस्था थी।