जोधपुर का रवि भारतीय क्रिकेट टीम अंडर-19 वल्र्ड कप में बिखेरेगा जलवा, श्रीलंका के साथ होगा पहला मुकाबला इस दायरे में जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट, स्टील, टेक्सटाइल आदि उद्योग भी शामिल होंगे। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इनवॉयस एक स्टैंडर्ड फ ॉरमेट में उपलब्ध होगा। इसे किसी भी सिस्टम पर पढ़ा जा सकेगा और सेंट्रल सिस्टम पर इसकी रिपोर्टिग हो सकेगी। अभी तक सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि अलग-अलग फोंट और सिस्टम में तैयार होने वाले जीएसटी इनवॉयस केवल उसी प्रकार के सिस्टम पर खोले जा सकते थे। जबकि ई-इनवॉयस को सभी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर अपना सकेंगे।
जोधपुर के अस्पतालों में बैक्टिरिया व वायरस का अटैक, मेडिकोज व स्टूडेंट्स खुद हो रहे डेंगू-टायफाइड के शिकार ई-इनवॉयस जनरेट करने की जिम्मेदारी कारोबारी की
नए सिस्टम में ई-इनवॉयस जनरेट करने की जिम्मेदारी कारोबारी अथवा करदाता की होगी। इसे जीएसटी के इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रिपोर्ट करना होगा। यह पोर्टल एक यूनिक इनवॉयस रेफ रेंस नंबर जनरेट करेगा और डिजिटल साइन वाले इनवॉयस के साथ क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराएगा। सिस्टम के जरिए क्यूआर कोड इनवॉयस वापस जनरेट करने वाले करदाता के पास आ जाएगा। जिसमें ई-इनवॉयस और रिटर्न की समस्त जानकारी होगी।
नए सिस्टम में ई-इनवॉयस जनरेट करने की जिम्मेदारी कारोबारी अथवा करदाता की होगी। इसे जीएसटी के इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रिपोर्ट करना होगा। यह पोर्टल एक यूनिक इनवॉयस रेफ रेंस नंबर जनरेट करेगा और डिजिटल साइन वाले इनवॉयस के साथ क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराएगा। सिस्टम के जरिए क्यूआर कोड इनवॉयस वापस जनरेट करने वाले करदाता के पास आ जाएगा। जिसमें ई-इनवॉयस और रिटर्न की समस्त जानकारी होगी।
राजस्थान के विद्यार्थी नहीं दिखा रहे आयुष शिक्षा में रुचि, काउंसलिंग पूरी होने के बावजूद खाली हैं सैकड़ों सीटें 8 सॉफ्टवेयर सूचीबद्ध
जिन कारोबारियों के पास एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर नहीं होगा, वे गुड्स एण्ड सर्विस टेक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) से सम्बद्ध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकेंगे। जीएसटीएन ने एकाउंटिंग और बिलिंग से संबंधित आठ सॉफ्टवेयर एम्पैनल (सूचीबद्ध) किए हैं।
जिन कारोबारियों के पास एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर नहीं होगा, वे गुड्स एण्ड सर्विस टेक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) से सम्बद्ध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकेंगे। जीएसटीएन ने एकाउंटिंग और बिलिंग से संबंधित आठ सॉफ्टवेयर एम्पैनल (सूचीबद्ध) किए हैं।
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– 500 करोड़ रुपए और उससे अधिक का सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए 1 जनवरी 2020 से ई-इनवॉयसिंग की व्यवस्था लागू करने जा रही है। हालांकि यह स्वेच्छा और प्रायोगिक आधार पर होगा।
– 100 करोड़ रुपए या इससे अधिक के कारोबार वाली इकाइयां 1 फ रवरी 2020 से ई-इनवॉयसिंग कर पाएंगी।
– अप्रेल 2020 से सभी कंपनियों के लिए लागू होने के बावजूद 100 करोड़ रुपए से कर्म टर्नओवर वाली इकाइयों के लिए ऐसा करना स्वैच्छिक होगा।
– 500 करोड़ रुपए और उससे अधिक का सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए 1 जनवरी 2020 से ई-इनवॉयसिंग की व्यवस्था लागू करने जा रही है। हालांकि यह स्वेच्छा और प्रायोगिक आधार पर होगा।
– 100 करोड़ रुपए या इससे अधिक के कारोबार वाली इकाइयां 1 फ रवरी 2020 से ई-इनवॉयसिंग कर पाएंगी।
– अप्रेल 2020 से सभी कंपनियों के लिए लागू होने के बावजूद 100 करोड़ रुपए से कर्म टर्नओवर वाली इकाइयों के लिए ऐसा करना स्वैच्छिक होगा।
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ई-इनवॉयसिंग जीएसटी सरलीकरण की दिशा में बड़ा कदम है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे।हालांकि सिस्टम रिसोर्स, स्टैण्डर्ड फॉर्मेट लाना और व्यापारियों तक जानकारी पहुंचाना चुनौती का काम होगा।
– अर्पित हल्दिया, सीए व जीएसटी एक्सपर्ट
ई-इनवॉयसिंग जीएसटी सरलीकरण की दिशा में बड़ा कदम है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे।हालांकि सिस्टम रिसोर्स, स्टैण्डर्ड फॉर्मेट लाना और व्यापारियों तक जानकारी पहुंचाना चुनौती का काम होगा।
– अर्पित हल्दिया, सीए व जीएसटी एक्सपर्ट
जीएसटी सरलीकरण की नई व्यवस्था अच्छी है। तकनीकी ढांचा मजबूत रहा तो उद्यमियों को दिक्कत नहीं होगी। इससे भ्रष्टाचार कम होगा।
– डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष, जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
– डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष, जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन