पुलिस ने सबसे आरोपी भीखाराम और उसके सहयोगी अरुण व सुरेश को हिरासत में लेकर मोबाइल जब्त किए थे। परीक्षा में सिर्फ तीन दिन बचे थे। ऐसे में इनके मोबाइल पर वाट्सएप संदेशों की बाढ़ चल रही थी। लोग फर्जी अभ्यर्थी के जरिये परीक्षा में पास करवाने के लिए गिड़गिड़ा रहे थे और हाथ जोड़कर मिलने का समय मांग रहे थे। लाखों रुपए देने को तैयार युवकों की भीड़ पडऩे लगी थी। आरोपी भीखाराम ने पुलिस को बताया कि इसी कारण उसने कोचिंग सेंटर में बंद कर दिया था। आरोपियों की ओर से किए गए इस खुलासे से पुलिस भी हैरान रह गई। मामले में नित नए हो रहे खुलासों को लेकर पुलिस पकड़ से दूर आरोपियों को पकडऩे के लिए तलाश सघन कर रही है। हालांकि यह गनीमत रही कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की नकल करने का मामला सामने नहीं आया है।
पांच अभ्यर्थियों का सुराग नहीं पुलिस ने गत ग्यारह जुलाई को गिरोह का भण्डाफोड़ कर भीखाराम, सुरेश, अरूण, रमेश प्रजापत, रामदीन, रघुवीर सिंह, भंवरलाल, हरिनारायण, मालाराम, मनीष और निर्मल को गिरफ्तार किया था। ऑनशीट के लिए तैयार आठ अभ्यर्थियों की मिक्सिंग करके तैयार की गई फोटो बरामद हुई थी। इनमें से तीन अभ्यर्थी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। जबकि पांच का सुराग नहीं लगा है।