हॉकर सोमप्रकाश भाटी ने बताया कि वे कई वर्षों से समाचार पत्र वितरण करने के कार्य में लगे हैं। इस तरह की आपदा पहली बार देखी है। समाज को जागृत करने व भ्रामक खबरों से बचाने के लिए समाचार पत्र को पाठकों तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। इसलिए खतरे का मजबूती से मुकाबला करते हुए पाठकों तक समाचार पत्र पहुंचा रहे हैं।
वरिष्ठ हॉकर उम्मेदसिंह ने बताया कि महामारी के समय हमारा दायित्व बनता है कि पाठकों तक हर सूचना से अपडेट रहने के लिए समाचार पत्र पहुंचाएं। इसलिए अधिक उत्साह के साथ समय पर पाठकों तक समाचार पत्र पहुंचा रहे हैं। समाचार पत्र से किसी भी प्रकार का कोरोना नहीं होता है।
हॉकर हेमसिंह पंवार के अनुसार हॉकर की जिम्मेदारी इन दिनों समाज के लिए बढ़ गई है। अखबार आवश्यक सेवाओं में शामिल है। इसे छूने या पढऩे से कोरोना नहीं होता। इसलिए सैनिटाइजर व मास्क लगाकर पाठकों तक समय पर समाचार पत्र पहुंचाने में लगे हैं। इस तरह की आपदा के समय ही सच्चे हॉकर की पहचान होती है।
हॉकर अब्दुल मजीद कई वर्षों से समाचार वितरण कर रहे हैं। मजीद के अनुसार कोरोना का खतरा तो है, लेकिन वह भी पूरी सुरक्षा के साथ पाठकों तक समाचार पत्र पहुंचाने में जुटे हैं। मौसम चाहे कैसा भी हो इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि पाठक हित सर्वोपरी है। समाचार पत्र से कोरोना नहीं होता।
हॉकर पुष्पेंद्र दूबे ने कहते हैं कि कई लोग उन्हें भी समाचार पत्र वितरण के दौरान कोरोना होने को लेकर अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन समाचार पत्र पूरी तरह से सैनिटाइज होने के बाद ही उन्हें दिया जाता है। इसलिए वह पूरी तैयारी व सुरक्षा के साथ पाठकों तक समाचार पत्र पहुंचाते हैं। यही सच्ची सेवा है।