हत्याकाण्ड में आरोपियों की धरपकड़ व जांच में भीलवाड़ा पुलिस के कई सिपाहियों की तस्करों से सांठ-गांठ के सुराग मिले हैं। इनमें से एक सिपाही जोधपुर जिले में फींच व दूसरा भोजासर का रहने वाला है। दोनों भीलवाड़ा पुलिस के दो थानों में पदस्थापित बताए जाते हैं। वहीं, देचू थाने में पदस्थापित एक कांस्टेबल की सूचना पर ही मुख्य सूत्रधार सुनील डूडी पकड़ा गया है। तीनों सिपाही पुलिस हिरासत में हैं। कुछ और सिपाही भी एसओजी-एटीएस व पुलिस के रडार पर हैं।
दो सिपाहियों की हत्या कर फरार तस्कर दो एसयूवी व दो बोलेरो पिकअप में सवार थे। वे मध्यप्रदेश में कदवासा, बेगूं, बिगोद, नंदराय, कोटड़ी, रायला, माण्डलगढ़, लाडपुरा, शंभूगढ़, बदनोर, भीम व ब्यावर होकर भागे थे। घटनास्थल व आस पास के मोबाइल टॉवर से डाटा लिए गए थे। 80 हजार से अधिक मोबाइल नम्बर, 40 हजार से अधिक मोबाइल उपकरण व 750 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए थे। भीलवाड़ा, राजसमन्द, चित्तौडगढ़़, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर व मध्यप्रदेश के दो सौ से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई थी। तब सुनील डूडी की भूमिका सामने आई थी। साथ ही अन्य आरोपियों की पहचान हो पाई थी।
हत्यारों को पकडऩे के लिए पुलिस के साथ एसओजी-एटीएस ने ताकत लगा रखी है। आइजी अजमेर एस सेंगथिर और एसपी भीलवाड़ा विकास शर्मा के निर्देशन में पुलिस प्रयास में जुटी। तस्करों के जोधपुर व आस-पास के होने का पता लगा तो एडीजी (एसओजी-एटीएस) अशोक राठौड़ जोधपुर पहुंचे थे और आठ जिलों के पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर प्रत्येक आरोपी को पकडऩे के लिए अलग-अलग टीम गठित की थी।