मुख्य न्यायाधीश एस.रविंद्र भट्ट एवं न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ में न्याय मित्र सज्जन सिंह ने राज्य सरकार के अतिरिक्त शपथ पत्र का प्रत्युत्तर पेश किया, जिसमें कोर्ट के पूर्ववर्ती आदेशों की पालना सुनिश्चित नहीं होने का तथ्यात्मक ब्यौरा दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने पाक विस्थापितों की समस्याओं के निदान का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, लेकिन सरकार ने आज तक इस समिति की बैठक आहूत नहीं की। केवल छह स्थानों पर चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए हैं, शेष सभी निर्देशों का या तो पालन नहीं किया गया है या आंशिक पालना की गई है।
विस्थापितों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक पात्र विस्थापितों में से मात्र 20 प्रतिशत लोगों को ही भारतीय नागरिकता दी गई है। अधिकांश आवेदनों को सूक्ष्म खामियों के आधार पर ही निरस्त कर दिया गया है, जबकि ऐसी कमियों की पूर्ति आसानी से की जा सकती है। वीजा अवधि में बदलाव के आवेदनों पर भी सक्षम स्तर पर निर्णय नहीं किए जा रहे। कोर्ट ने अगली सुनवाई 16 सितंबर तय की है।