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लावारिस-बीमार घायल पशुओं के लिए जोधपुर में नहीं कोई हेल्पलाइन

locationजोधपुरPublished: Jun 20, 2020 10:28:44 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

लोग चाहकर भी नहीं कर पाते है घायल पशुओं की मदद

लावारिस-बीमार घायल पशुओं के लिए जोधपुर में नहीं कोई हेल्पलाइन

लावारिस-बीमार घायल पशुओं के लिए जोधपुर में नहीं कोई हेल्पलाइन

जोधपुर. जिला प्रशासन की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण करने वाले लावारिस बीमार पशुओं के उपचार के लिए ना तो कोई हेल्पलाइन है और ना कोई पुख्ता व्यवस्था अभी तक उपलब्ध हो पाई है। शहर के किसी भी हिस्से में लावारिस पशु के बीमार अथवा चोटिल हो जाने पर 108 की तर्ज पर अभी तक कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने से रोजाना कई बीमार पशु दम तोड़ देते है। यदि कोई राहगीर अथवा सेवाभावी क्षेत्रवासी बीमार पशु के उपचार के लिए प्रयास करना चाहे तो भी हेल्पलाइन के अभाव में असहाय नजर आते है।
निगम के पास टीमें लेकिन नम्बर सार्वजनिक नहीं
दो दशक से पशु सेवा क्षेत्र में सक्रिय सुधीर शारड़ा ने बताया कि निगम के पास श्वान, गाय और साण्ड तीनों को पकडने के लिए अलग अलग टीमें है। लेकिन ये टीमें दोपहर 2 बजे बाद काम करना बन्द कर देती है। यदि कोई घायल पशु की सूचना निगम की टीम देता है तो उन्हें किसी एनजीओं या गौशाला के नम्बर देकर पल्ला झाड़ लिया जाता है।
पशु चिकित्सालय में रेस्क्यू वाहन नाकारा
पशुपालन विभाग की ओर से रातानाडा में संचालित पशु चिकित्सालय में आवारा बीमार पशुओं को लाने और स्वस्थ होने पर पुन: छोडऩे के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं है। वर्षों से खड़ा रेस्क्यू वाहन भी नाकारा हो चुका है। भीतरी शहर की तंग गलियों में छोटे रेस्क्यू वाहन हो बीमार लावरिस जानवर को उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पशुपालन विभाग और नगर निगम की संयुक्त रेस्क्यू टीम का एक हेल्प लाईन नम्बर जनता में प्रचारित होना चाहिए जो 24 घंटे काम करे। टीम में प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने वाला पशु चिकित्सक सहायक साथ में होना चाहिए। सड़कों पर घूम रही गायों को पकड कर उनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। भीतरी शहर की तंग गलियों में छोटे रेस्क्यू वाहन और पशुपालन विभाग की डिस्पेंसरी में लावारिस बीमार पशुओं के लिए व्यवस्था हो।
इसी महीने बे-मौत मारे गए पशु
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-इन्द्रा कॉलोनी प्रतापनगर में दस दिनों से बीमार साण्ड की मौत
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