ये विजयी 18 सदस्य 5 को-ऑप्टेड सदस्यों का चुनाव करते है। ईपीसीएच के नॉर्थ-वेस्ट रीजन में राजस्थान से जयपुर व जोधपुर तथा मध्यप्रदेश के निर्यातक शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक सदस्य जोधपुर व जयपुर से हैं। जोधपुर से ईपीसीएच के 800 निर्यातक सदस्य हैं। जोधपुर का हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग विदेशी मुद्रा के साथ लाखों लोगों को रोजगार मुहैया करवा रहा है, परन्तु देश की सबसे बड़ी संस्था में प्रतिनिधित्व नहीं होना निराशाजनक है।
नहीं हो पाती पैरवी वर्ष 1997 से 2011 तक जोधपुर से ईपीसीएच के सीओए सदस्य तथा 2007-2009 तक वाइस चेयरमैन रह चुके निर्मल भंडारी ने बताया कि कमेटी में जोधपुर का प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण केन्द्र सरकार तक यहां के निर्यातकों की समस्याओं की पैरवी करने वाला कोई नहीं है। मेरे कार्यकाल में मैंने ईपीसीएच में जोधपुर के निर्यातकों की समस्याओं की पैरवी करते हुए कई कार्य कराए। जिसमें सीफएसी, वुड सीजनिंग प्लांट की स्थापना, दो अन्तरराष्ट्रीय मेलों का जोधपुर में आयोजन प्रमुख रहे। जोधपुर से कम से कम एक सदस्य सीओए में होना चाहिए।
प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा
जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. भरत दिनेश ने बताया कि ईपीसीएच में जोधपुर का प्रतिनिधि नहीं होने से जोधपुर के हस्तशिल्प उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । सरकार की कई योजनाओं में जोधपुर के हस्तशिल्प व निर्यातकों को अनदेखा किया जा रहा है। जोधपुर एवं जयपुर के सदस्यों की संख्या में ज्यादा फर्क नहीं है फि र भी जयपुर से सभी सदस्यों का प्रतिनिधित्व जोधपुर के लिए निराशा वाली बात है। अगले माह होने वाले चुनाव में जोधपुर से निर्यातक फिर सीओए सदस्य के लिए आवेदन करेंगे।