उम्मेद अस्पताल में कार्यरत लैब तकनीशियन दुर्गाराम बेनीवाल और नर्सिंग ऑफिसर सुधीरसिंह राठौड़ इस संकट के दौर में यह प्रयास कर रहे हैं कि प्रसव बाद किसी भी महिला या बच्चे की रक्त की कमी से मृत्यु न हो, साथ ही थैलेसीमिया पीडि़तों को भी समय पर रक्त की मदद मिलती रहे। रक्त यूनिट के साथ प्लाज्मा, प्लेटलेटस के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। अभी कोरोना महामारी के चलते लोग अस्पताल में आकर रक्तदान करने से डर रहे हैं। ऐसे में कई बार समय पर रक्त यूनिट उपलब्ध करवाना चुनौती हो जाती है। लेकिन गांवों में सम्पर्क कर यह कमी पूरी करने का प्रयास कर रहे हैं। बेनीवाल और राठौड़ बताते हैं अगर हम रक्त उपलब्ध करवा किसी की जि़न्दगी बचाने में कामयाब होते हैं तो संतुष्टि होती है।
इस प्रकार रहती है उम्मेद अस्पताल में आवश्यकता
– 15 मरीज है थैलेसीमित पीडि़त – 50 से 60 ब्लड यूनिट की जरूरत प्रतिदिन
– 70 यूनिट तक प्लाज्मा की जरूरत होती है – 30 यूनिट तक प्लेटलेटस की जरूरत रहती है