सर्वाधिक घी व मावा नकली इन दिनों जोधपुर में सर्वाधिक नकली घी व मावा आ रहा है। जबकि इन दोनों के ही सैंपल जांच में अमानक व अनसेफ मिल रहे है। जबकि घी में कई बार तय मानक अनुरूप आरएम नहीं होता है। वहीं मावा भी बिना दूध का बनाकर शहरवासियों को खिलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग कई बार शिकायतों पर कार्रवाई को अंजाम भी देता है। इसके बाद मसाले व आइसक्रीम में गड़बडिय़ां पाई जा रही है।
यूं लगा जुर्माना और यूं समझे मिलावट मिलावटखोरी के सरकार ने कई तरह के मानक तय कर रखे हैं। मिस ब्रांड यानी के पैकेट में गड़बड़ी और तय मानक अनुरूप खाद्य सामग्री नहीं होने को सब स्टैंडर्ड कहा जाता है। इन दोनों में जुर्माने का प्रावधान है। इसमें एक खाने में अयोग्य को असुरक्षित माना जाता है, जिनके मामले कोर्ट में जाते हैं। मिस ब्रांड व सब स्टैंडर्ड मामलों में साल 2016 में साढ़े पांच लाख, 2017 में 9 लाख , 2018 में पौने दो लाख और 2019 में 52 हजार की मिलावटखोरों पर पैनल्टी लगाई गई।
वर्ष – कुल लिए गए नमूने – अमानक – मिस ब्रांड – असुरक्षित- अनसेफ प्रकरण कोर्ट में 2016 -374 – 51 – 39 -9 -9
2017 -334 – 82 – 32 – 11 -11
2017 -334 – 82 – 32 – 11 -11
2018 -259 – 33 – 15 – 25 – 25
2019 -282 – 39 – 17 – 22 – 12 2020- – 16 – 2 – 0 – 2 – 0 इनका कहना
2019 -282 – 39 – 17 – 22 – 12 2020- – 16 – 2 – 0 – 2 – 0 इनका कहना
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शहर में मिलावट पकडऩे के लिए सजग है। मिस ब्रांड व सब स्टैंडर्ड मामले में पैनल्टी लगाई जा रही है। अनसेफ मामलों को जल्द से जल्द चालान बनाकर कोर्ट में पेश किया जा रहा है ताकि मिलावटखोरों को सख्त से सख्त सजा मिले।
-डॉ. बलवंत मंडा, सीएमएचओ, जोधपुर
-डॉ. बलवंत मंडा, सीएमएचओ, जोधपुर