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पिता बोला, हादसे में नहीं मरी उसकी बेटी

locationजोधपुरPublished: Oct 05, 2016 11:56:00 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

भावी के निकट मंगलवार रात हुए सड़क हादसे में उस समय मोड़ आ गया जब विवाहिता के पिता ने उसकी बेटी व दोहितयों की मौत के मामले में शक जताते हुए परिवाद पेश किया कि उनकी मौत सड़क हादसे में नहीं हुई। उसे शक है कि उनकी हत्या हुई है।

charged with murder

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भावी के निकट नेनो कार सवार एक महिला सहित तीन बच्चियों की मौत के मामले में सभी शवों का पोस्टमार्टम बुधवार देर शाम तक नहीं हुआ। 

मृतक महिला के पीहर पक्ष ने घटना को साजिश बताते हुए सभी शवों का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाने एवं दामाद पर पुत्री एवं दोहितियों की हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया है।
मंगलवार देर रात भावी के निकट जोधपुर जा रही नेनो कार जिसमें बबायचा थाना गेगल निवासी राजूराम पुत्र भंवरलाल बंजारा गर्भवती पत्नी ललिता (29) एवं बेटी संतोष (6 ), जमना (4) एवं काजल (3) को लेकर जा रहा था। तभी सामने से आई कार ने नेनो को जोरदार टक्कर मारी। 
हादसे में ललिता के सिर पर चोट लगने से मौके पर मृत्यु हो गई तथा पीछे बेठी राजू की तीनों बेटियां भी पुलिस एवं ग्रामीणों के आने से पहले मरी हुई मिली।

चारों शवों को बिलाड़ा चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया था। सूचना पर राजू के पिता भंवरलाल एवं अन्य परिजन बुधवार प्रात: चिकित्सालय पहुंचे। इस बीच ललिता के पीहर से भी काफी लोग आए तथा पोस्टमार्टम रुकवा दिया। 
मृतका के माता-पिता का आरोप है कि कुछ दिनों पहले राजू ने उसकी बेटी ललिता एवं बड़ी बेटी की पिटाई की थी तथा उनमें अनबन थी।

दोनों पक्षों की पोस्टमार्टम के लिए बुधवार देर शाम तक रजामंदी नहीं होने से पुलिस पोस्टमार्टम नहीं करवा पाई। पुलिस उप अधीक्षक सेठाराम बंजारा की समझाइश पर मृतका के पीहर पक्ष ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने का प्रार्थना पत्र चिकित्सा अधिकारी को सौंपा।
देर शाम ललिता के पिता जयराम गवारिया निवासी तिंवरी ने थानाधिकारी के नाम परिवाद प्रस्तुत कर कहा कि उसकी पुत्री ललिता एवं दामाद राजू के बीच अनबन थी। दो अक्टूबर रात उसकी दोहिती कविता ने उसे फोन पर बताया कि राजूराम ने ललिता को जान से मारने का प्रयास किया तथा लाठी से दोहिती कविता के सिर पर मारी। 
उसने बताया कि ललिता को राजूराम उसका पिता भंवरलाल, काकी ससुर डुंगरराम एवं देवर बबलू कभी भी मिलकर मार सकते है और हमको खतरा है। इस पर उसने राजूराम के पिता भंवरलाल को ओळबा दिया। 
परिवाद में बताया कि उसे शक है कि उनकी मौत हादसे में नहीं हुई राजूराम अपने कृत्य को छुपाने के प्रयास में इसे दुर्घटना का रूप दिया। 

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