जर्जर भवन के लिए जारी हुए नोटिस का फायदा उठा कर कई भवन मालिकों ने बिना व्यावसायिक निर्माण अनुमति लिए काम शुरू करवा दिया। इनमें कई हेरिटेज बिल्डिंग भी थी। निमाज हवेली जैसे कई राज खुलेंगे
निमाज हवेली प्रकरण में जिस प्रकार से नोटिस जारी हुए और इसके बाद ऐसे हिस्से को धराशाही किया गया जिस पर विवाद खड़ा हुआ। इसी प्रणाली को शहर विधानसभा में अन्य भवनों पर भी लागू किया गया। जो भी नोटिस अन्य जर्जर भवनों को जारी हुए और वहां निर्माण हुए, वे उपायुक्त के ही हस्ताक्षर से थे। अब एेसे निर्माण अघोषित रूप से रोक दिए गए हैं। इनमें त्रिपोलिया, मकराना मोहल्ला और घंटाघर क्षेत्र में जारी हुए नोटिस शामिल हैं।