scriptअब स्टोन कटिंग इकाइयों की स्लरी जाएगी ‘डम्पयार्डÓ में | Now stone cutting units will be slurry in 'Dumpyard' | Patrika News

अब स्टोन कटिंग इकाइयों की स्लरी जाएगी ‘डम्पयार्डÓ में

locationजोधपुरPublished: Oct 19, 2019 08:44:35 pm

Submitted by:

Amit Dave

– राज्य सरकार ने स्लरी डालने के लिए जिले में चिन्हित की पहली जगह
– बालेसर में 18 बीघा जमीन आवंटित, जोधपुर में अभी भी खुले में ही डाली जा रही
– पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

अब स्टोन कटिंग इकाइयों की स्लरी जाएगी 'डम्पयार्डÓ में

अब स्टोन कटिंग इकाइयों की स्लरी जाएगी ‘डम्पयार्डÓ में

जोधपुर।

पत्थर खदानों से निकलने वाले वेस्ट, जिसे स्लरी भी कहा जाता है, अब खुले में नहीं बल्कि डम्पयार्ड में डाला जाएगा। राज्य सरकार ने लंबे समय बाद खदानों से निकलने वाले वेस्ट के लिए बालेसर में जगह चिन्हित की है, जो स्टोन कटिंग इकाइयों का वेस्ट डालने के लिए जिले में पहली चिन्हित जगह होगी। बालेसर तहसील के उम्मेदनगर गांव में खसरा संख्या 868 में 18.04 बीघा जमीन आवंटित की गई है। उप सचिव (राजस्व) की स्वीकृति के बाद खान एवं भू विज्ञान विभाग बालेसर को यह जमीन निशुल्क आवंटित की गई है।

जोधपुर में अभी भी खुले में ही डाली जा रही स्लरी

जोधपुर में स्टोन कटिंग इकाइयों से निकलने वाली स्लरी के लिए चिन्हित स्थान नहीं है। यहां बड़े पैमाने पर स्टोन कटिंग इकाइयों से स्लरी का निस्तारण खुले में ही किया जा रहा है। इससे यहां जगह-जगह स्लरी के बड़े पहाड़ बन गए है । जो पर्यावरण व जनजीवन को नुकसान पहुंचा रहे है।

पत्रिका ने उठाया था मामला

राजस्थान पत्रिका ने जिले में स्टोन कटिंग इकाइयों से निकलने वाली स्लरी के लिए चिन्हित स्थान नहीं होने का मामला उठाता रहा है। जिसमें बताया कि इन इकाइयों से करीब ३० हजार टन स्लरी प्रतिदिन निकलती है।

एक नजर में स्टोन कटिंग उद्योग

वर्गीकरण—- जोधपुर—– बालेसर

क्वारी लाइसेंस इकाइयां – 5000-6000— 4000-5000

स्टोन कटिंग इकाइयां – 1500 —- 1200

प्रतिदिन कटिंग पत्थर – 60 हजार टन—- 40 हजार टन
प्रतिदिन निकलने वाली स्लरी – 20 हजार टन—- 15 हजार टन

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जमीन का आवंटन हो गया है।खानधारकों को इकाइयों से निकलने वाली स्लरी चिन्हित जगह पर ही डालने के लिए पाबंद किया जाएगा।
चन्दनकुमार, सहायक खनि अभियंता

बालेसर

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