scriptअब ठाकुरजी को भी इम्युनिटी बढ़ाने वाले व्यंजनों का भोग | Now Thakurji also enjoys immunity enhancing dishes | Patrika News
जोधपुर

अब ठाकुरजी को भी इम्युनिटी बढ़ाने वाले व्यंजनों का भोग

 
-मंगला व शयन आरती का समय भी बदला-पौष मास में देवस्थान प्रबंधित मंदिरों में नहीं बजट

जोधपुरDec 03, 2020 / 08:59 pm

Nandkishor Sharma

अब ठाकुरजी को भी इम्युनिटी बढ़ाने वाले व्यंजनों का भोग

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जोधपुर. कार्तिक पूर्णिमा से प्रमुख वैष्णव मंदिरों में ठाकुरजी की दिनचर्या भी बदल गई है। मंदिरों में मंगला और शयन आरती के समय में बदलाव किया गया है। देवस्थान प्रबंधित मंदिरों सहित पुष्टीमार्गीय मंदिरों में ठाकुरजी की नियमित सेवा के साथ ठाकुरजी के भोग, शृंगार, पोशाक तथा दर्शन के समय में आंशिक परिवर्तन किया गया है।
कटला बाजार स्थित कुंज बिहारी मंदिर में ठाकुरजी को मखमली रजाई फुलगर, गरम मोजे एवं ऊनी पोशाक धारण कराई जाने लगी है। महंत भंवरदास निरंजनी के अनुसार मंदिर खुलने का समय सुबह 7 बजे से 11 बजे तक है, लेकिन मंगला आरती सुबह 6.30 बजे होती है। इसमें कोविड-गाइडलाइन के तहत दर्शनार्थियों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। अब शाम 7 बजे की बजाय संध्या (उत्थापन) आरती शाम 6 बजे होती है और 7 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ठाकुरजी के शयन आरती का समय भी बदल गया है।
चौपासनी में भी बदला समय

पुष्टीमार्गीय परम्परा से जुड़े चौपासनी श्रीश्याम मनोहर प्रभु मंदिर में संध्या आरती व शयन का समय करीब 15 मिनट पूर्व कर दिया गया है। मंदिर ट्रस्ट सलाहकार समिति के प्रमुख सोहन जैसलमेरिया ने बताया कि सर्दी से बचाव के लिए ठाकुरजी को गर्म वस्त्र धारण करवाए जा रहे है। मंगला आरती सुबह 7 बजे उसके बाद शृंगार, राजभोग तथा संध्या आरती 5 बजे होती है। शयन आरती 7 बजे होती है, लेकिन इसमें दर्शनार्थियों को प्रवेश की अनुमति नहीं है।
जोधपुर में नहीं ‘पौष बड़ा’ बजट
मळमास में देवस्थान प्रंबंधित आत्म निर्भर एवं प्रत्यक्ष प्रभार वाले ठाकुरजी के मंदिरों में ‘पौष बड़ा’ आयोजन के लिए विभाग से जयपुर की तरह जोधपुर के मंदिरों के लिए कोई अतिरिक्त बजट का प्रावधान नहीं है। मळमास के दौरान कुछ प्रमुख ठाकुरजी के मंदिरों में श्रद्धालुओं के सहयोग से ही ‘पौष बड़ा’ के आयोजन होते हैं। देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी के अनुसार विभाग की ओर से उत्सव मनाने के लिए केवल मंदिरों में भोग राग सामग्री वितरण का ही प्रावधान है।
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