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कटिंग चाय के साथ सेव वाटर के लिए अब #कटिंग पानी

locationजोधपुरPublished: Jul 21, 2019 06:09:45 pm

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मैसेज यही कि पानी उतना ही लें जितना यूज करना है
– पानी का वेस्टेज रोकने का नया उपाय- उत्तरप्रदेश सरकार ने तो जारी कर दिए ऑर्डर

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कटिंग चाय के साथ सेव वाटर के लिए अब #कटिंग पानी

जोधपुर। रेस्तरां या फिर टी स्टॉल्स पर आपने कटिंग चाय का लुत्फ तो जरूर उठाया होगा, लेकिन इन दिनों कटिंग चाय से आगे कटिंग पानी का कॉन्सेप्ट तेजी से पॉपुलर हुआ है। एक आरओ कम्पनी के एड के बाद ये कॉन्सेप्ट ट्रेंडिंग में है। अच्छी बात यह है कि लोग वाटर की वेल्यू को समझते हुए कटिंग पानी को प्रमोट भी कर रहे हैं, वॉट्सएप ग्रुप से लेकर फेसबुक चैट तक कटिंग पानी को लेकर पॉजिटिव कमेंट्स आ रहे हैं। अब तो उत्तरप्रदेश सरकार ने इस थीम पर अपनी मुहर लगा दी है। उत्तरप्रदेश सचिवालय के प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किया कि उत्तरप्रदेश सचिवालय और विधानसभा परिसर में जल संरक्षण के तहत अब सभी को आधा गिलास पानी मिलेगा। प्यास अधिक है तो और पानी लिया जा सकेगा।
पानी की कीमत कम है तो क्या बहाएंगे?

– जोधपुर शहर को प्रतिदिन करीब १४ एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है।

– इंदिरा गांधी नहर से जोधपुर को २७० क्यूसेक पानी राजीव गांधी लिफ्ट केनाल को जोधपुर के लिए दिया जाता है।
– इसके बाद भी करीब १-२ एमसीएफटी पानी तख्तसागर व कायलाना से लिया जा रहा है।
– जलदाय विभाग ने १५ हजार लीटर प्रतिमाह तक उपभोग पर वाटर चार्ज खत्म कर दिया है।
– ग्रामीण क्षेत्रों में ४० एलपीसीडी तक पानी उपयोग पर वाटर चार्ज खत्म कर दिया गया है।

– यदि मीटर लगाकर पानी सप्लाई होती है तो दो माह का पानी बिल महज ५४ रुपए आता है।
– लेकिन अभी औसत बिलिंग के लिहाज से दो माह का पानी बिल करीब २५० रुपए आता है।
पानी का मोल समझें
हम अक्सर देखते हैं कि घर, होटल, रेस्टोरेंट या पार्टी में लोग आधा ग्लास पानी पीते हैं और आधा छोड़ देते हैं या फेंक देते हैं। इससे जो पानी हलक में जाना चाहिए वह बेकार चला जाता है। एेसे स्थान भी हैं जहां लोग मीलों दूर से एक एक मटकी पानी लाते हैं। मेरा कहना है कि आधुनिकता की दौड़ में पानी की बचत करना न भूलें। पानी को अनमोल समझें।
-यामिनी कच्छवाह
मॉडल, जोधपुर

आधा ग्लास पानी ही भरें

जिनके घरों में नलों से पानी आता है, वे पानी की कीमत नहीं समझ पाते क्योंकि उन्होंने जल संकट नहीं देखा है। यह तो वही समझ सकता है जिन्हें बड़ी मुश्किल से पानी मयस्सर होता है। लेडीज की अक्सर गैट टुगैदर, किटी पार्टी होती रहती है। मैं हमारे गु्रप की लेडीज को इसके लिए प्रेरित करूंगी कि अगर आधा ग्लास पानी की जरूरत है तो आधा ग्लास ही भरें।
-सरिता आंचलिया

समाजसेविका, जोधपुर

हजारों गैलन पानी बचेगा
पानी अमृत है और इसे बचाना और इसका संरक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गंभीर जल संकट को देखते हुए पानी सहेजने के लिए हर व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रति व्यक्ति भी यदि हम आधा ग्लास पानी बचाएंगे तो हजारों गैलन पानी का संरक्षण होगा।
-डॉ.कैलाश कौशल

निदेशक, कमला नेहरू महाविद्यालय

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