script‘पब्लिक प्रॉपर्टी के ट्रस्टी हैं अधिकारी, मालिक नहीं’ | 'Officers are trustees of public property , not owners' | Patrika News

‘पब्लिक प्रॉपर्टी के ट्रस्टी हैं अधिकारी, मालिक नहीं’

locationजोधपुरPublished: Jan 14, 2019 11:45:56 pm

Submitted by:

yamuna soni

कलक्टर, जेडीए व नगर निगम आयुक्त हाईकोर्ट में पेश/ खंडपीठ ने नाराजगी

'Officers are trustees of public property , not owners'

‘पब्लिक प्रॉपर्टी के ट्रस्टी हैं अधिकारी, मालिक नहीं’

जोधपुर

राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस संगीत लोढा और दिनेश मेहता की खंडपीठ में सोमवार को शहर के यातायात, सडकों, पार्किं ग सहित कोर्ट परिसर के बारे में सन् 2000 में हाईकोर्ट की ओर से जारी निर्देशों की पालना नहीं करने पर गहरी नाराजगी जताई और सख्त लहजे में कहा कि अधिकारी पब्लिक प्रॉपर्टी की ट्रस्टी होते हैं, मालिक नहीं।
समाजसेवी महेन्द्र लोढा की ओर से दायर याचिका की सुनवाई में जिला कलक्टर के साथ जोधपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम के कमिश्नर भी कोर्ट में पेश हुए। करीब एक घंटे की सुनवाई के बाद खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रखे।
खंडपीठ ने सडकों पर रोजाना हो रहे अतिक्रमण के बारे में अधिकारियों के आंखें मूंदने और कोई कार्रवाई नहीं करने, रिंग रोड के विस्तार, हाईकोर्ट के अलावा अन्य अधिकरणों, प्राधिकरणों व उपभोक्ता मंच जैसी अदालतों के लिए नए भवन की खोज करने, फ्लाइओवर के दोनों ओर सर्विस लेन, फुटपाथ खाली कराने, वेंडिंग जोन, जेएनवीयू डिस्पेंसरी से पीली टंकी वाले मार्ग को फोरलेन करने, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स की अनुमति देने में की जा रही मनमानी, पावटा ओवरब्रिज पर रास्ता निकालने और अवैध बस स्टेंड के बारे में भी नाराजगी दिखाई।

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल, एसीपी ट्रेफिक निर्मला विश्नोई, जेडीए व नगर निगम के अभियंता व अन्य अधिकारी सहित याचिकाकर्ता की ओर से अशोक छंगाणी पेश हुए।

इस दौरान विकास बालिया, दीपेश बेनीवाल ने भी कुछ बिंदुओं पर अपने विचार रखे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो