पिछले साल गाडिय़ां हुई चोरी, जेबें कटी
यहां विजयदशमी के दिन जानमाल की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। पिछली बार रावण दहन में पार्किंग में रखी 3 मोटरसाइकिलें यहां से चोरी हो गई थी। प्रशासन की ओर से पुलिस व सुरक्षा के माकूल इंतजाम नहीं किए जा रहे। आगामी 30 सितंबर को विजयदशमी को लेकर राजस्थान आवासन मंडल, पंचायत प्रशासन इस आयोजन को लेकर उदासीन बने हुए हैं।
यहां विजयदशमी के दिन जानमाल की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। पिछली बार रावण दहन में पार्किंग में रखी 3 मोटरसाइकिलें यहां से चोरी हो गई थी। प्रशासन की ओर से पुलिस व सुरक्षा के माकूल इंतजाम नहीं किए जा रहे। आगामी 30 सितंबर को विजयदशमी को लेकर राजस्थान आवासन मंडल, पंचायत प्रशासन इस आयोजन को लेकर उदासीन बने हुए हैं।
मैदान में चारों तरफ खरपतवार और गंदगी
इस मैदान में चारदीवारी बनने के बाद दो बार दशहरे का आयोजन किया गया है। यहां बारिश के बाद मैदान के चारों कोनों में खरपतवार उग गई है। मैदान के अंदर और बाहर बबूल के पेड़ और कंटीली झाडिय़ां निकलने से रावण रूपी बुराई देखने वाले रामभक्तों को कांटों भरे रास्ते से निकलना पड़ेगा। निगम इसे हर बार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए जनता को सहुलियतें देनी की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है।
इस मैदान में चारदीवारी बनने के बाद दो बार दशहरे का आयोजन किया गया है। यहां बारिश के बाद मैदान के चारों कोनों में खरपतवार उग गई है। मैदान के अंदर और बाहर बबूल के पेड़ और कंटीली झाडिय़ां निकलने से रावण रूपी बुराई देखने वाले रामभक्तों को कांटों भरे रास्ते से निकलना पड़ेगा। निगम इसे हर बार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए जनता को सहुलियतें देनी की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है।
हमारे पास बजट नहीं
राजस्थान आवासन मंडल के मैदान के रखरखाव के लिए मैंटेनेंस हैड में बजट नहीं है। इसलिए मंडल के जिम्मे मैदान का रखरखाव स्थानीय दशहरा आयोजन समिति ही करती है।
-नरेंद्र बोहरा, एक्सईएन, कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड, खंड द्वितीय।
राजस्थान आवासन मंडल के मैदान के रखरखाव के लिए मैंटेनेंस हैड में बजट नहीं है। इसलिए मंडल के जिम्मे मैदान का रखरखाव स्थानीय दशहरा आयोजन समिति ही करती है।
-नरेंद्र बोहरा, एक्सईएन, कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड, खंड द्वितीय।
कुड़ी दशहरा मैदान: एक नजर
– वर्ष 2016 में यहां 20 हजार से अधिक लोग एकत्रित हुए थे।
– उससे एक साल पहले 15 हजार लोग इसी मैदान में जुटे थे।
– करीब 25-30 कॉलोनियों से महिलाएं व बच्चे भी आते हैं।