भीगी जमीन यदि झटका देती है तो हमें सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि बारिश के साथ करंट लगने की घटनाएं इन दिनों ज्यादा होती है। जोधपुर डिस्कॉम के 10 जिलों की बात करें तो यहां सालभर में औसतन हर तीन दिन में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। यदि मानसून के तीन माह निकाल दें तो बिजली जनित हादसों से होने वाली मौतों का औसत काफी कम हो जाता है।
आंकड़ों में ऐसे समझे वर्ष 2018-19 में बिजली हादसों की स्थिति – 9 कर्मचारियों व 118 आमजन की मौत बिजली से हुई। – 13 कर्मचारी सहित 47 लोग एक वर्ष में घायल हुए।
– 141 मवेशी भी करंट की चपेट में आने से काल का ग्रास बने। ———– वर्ष 2019-20 में जून तक बिजली हादसों की स्थिति – 2 कर्मचारियों सहित 16 अन्य की मौत हो चुकी है।
– 3 कर्मचारियों सहित 11 लोग घायल हो चुके हैं। – 15 मवेशी अब तक काल का ग्रास बने हैं। ———– मानसून के तीन माह की औसत स्थिति
– बारिश के दिनों में तीन माह में औसतन 50 से ज्यादा मौतें होती।
– जो कि पूरे साल का 40 प्रतिशत होता है।
– बारिश में औसतन हर दो दिन में एक व्यक्ति की मौत होती है। – एक साल में जितने मवेशी करंट से मरते हैं उनमें आधे इन्हीं बारिश के माह में काल का ग्रास बनते हैं।
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ऐसे बचा सकते हैं जिंदगियां
– आमजन को बारिश के दौरान सार्वजनिक स्थान पर बिजली लाइन व खम्भे में करंट की सूचना मिले तो तुरंत बिजली कंट्रोल रूम में सूचना दें। – यदि कोई बिजली तार टूट कर खम्भे से अलग हो जाता है और जमीन से नहीं टकराता तो उसे न छूए। जमीन पर नहीं गिरने से ऐसे तार में करंट प्रवाहित होता रहता है।
– डिस्कॉम अपने हर फीडर पर एमसीबी लगाए और चालू हालात में रखें। इस स्थिति में एक फॉल्ट आते ही पूरा फीडर ट्रिप हो जाता है और बड़ा हादसा होने से बचाया जा सकता है।
इनका कहना… बारिश के दिनों में करंट हादसे कुछ आमजन की लापरवाही और कुछ विभाग की गलती के कारण भी होते हैं। हम इस सीजन में लोगों को जागरूक और सतर्क रहने की एडवाइजरी जारी करते हैं। फिर भी कोई गंभीर लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाती है।
– अविनाश सिंघवी, प्रबंध निदेशक, जोधपुर डिस्कॉम।