जोधपुर

शीतकालीन प्रवास से लौटते वक्त पीछे रही छह कुरजां, अब दिख रही सिर्फ एक

फलोदी .शीतकालीन प्रवास पर खीचन आने वाले पक्षी कुरजां की इस बार वतन वापसी के बाद सिर्फ एक कुरजां ही नजर आ रही है।

जोधपुरJun 14, 2019 / 11:19 pm

pawan pareek

शीतकालीन प्रवास से लौटते वक्त पीछे रही छह कुरजां, अब दिख रही सिर्फ एक

फलोदी (जोधपुर) . प्रतिवर्ष सात समन्दर पार कर शीतकालीन प्रवास पर खीचन आने वाले मेहमान पक्षी कुरजां की इस बार वतन वापसी के बाद छह कुरजां अपने समूहों से बिछुडकऱ यहीं पीछे रह गई थी। इसके बाद पक्षी यहां की भीषण गर्मी सहन करते रहे और अब हालात ये बन गए है कि इन छह पक्षियों में से सिर्फ एक कुरजां ही खीचन के तालाब पर नजर आ रही है तथा अन्य पांच कुरजां का कोई पता नहीं है।
 

काफी मुश्किल है यहां का तापमान सहन करना
सामान्यतया कुरजां पक्षी मंगोलिया, चीन, कजाकिस्तान, रूस के ठण्डे इलाकों में रहती है तथा वहां बर्फबारी के दौरान भोजन की विकट परिस्थितियों के कारण शीतकालीन प्रवास पर निकल जाती है। कुरजां सामान्यतया 30-32 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अनुकूल महसूस करती है। इसलिए जैसे ही यहां गर्मी दस्तक देती है, कुरजां वतन वापसी की उड़ान भर लेती है। ऐसे में इन पक्षियों के समूह बिछुडऩे के बाद पीछे रहे पक्षियों के लिए यहां का 48-49 डिग्री तापमान सहन करना काफी मुश्किल होता है।
 

कहां गए पांच पक्षी
फरवरी माह में कुरजां ने वतन वापसी शुरू कर दी थी तथा मार्च में अधिकांश पक्षियों के समूह यहां से निकल गए थे। इस दौरान 6 पक्षी यहीं रह गए थे। उसके बाद अप्रेल माह तक तो 6 पक्षी नियमित रूप से दिख रहे थे, फिर मई में 5 और मई के अंतिम सप्ताह में तो 4 पक्षी ही दिख रहे थे। उसके बाद जून में 2 पक्षी दिख रहे थे और अब सिर्फ 1 कुरजां ही नजर आ रही है। ऐसे में अन्य पक्षी कहां गए? इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
इनका कहना है
खीचन में पीछे रही 6 कुरजां में से अब सिर्फ 1 कुरजां ही दिख रही है। पांच अन्य पक्षियों के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

सेवाराम माली, पक्षी प्रेमी, खीचन (फलोदी)

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