नगर निगम नालों की व्यस्था को लेकर समय पर नहीं चेता,
मंगलवार शाम हुई बरसात में भदवासिया नाले में मां व बेटा बह गए ।
पहले खतरनाक पुलिया नाले में फिर रातानाडा नाले के बाद अब भदवासिया नाले में हादसा हुआ।
गत 1 जुलाई को व्याख्याता के नाले में बहने के हादसे के बाद भी निगम नहीं चेता।
उसके कुछ दिनों बाद 18 जुलाई को रातानाड़ा में आर्मी के सप्लाई डिपो कर्मचारी के रातानाडा नाले में बहने से मौत हो गई
इन दोनों हादसों के बाद निगम ने न तो नालों का खुला हिस्सा कवर करवाया, और न ही सड़क के सामानान्तर चल रहे नालों पर दीवार व अन्य सुरक्षा इंतजाम किए।
भदवासिया नाला सड़क के समानांतर है और तो और जगह-जगह से खुला होने पर हादसे की आश्ंाका पर पत्रिका ने खबर के माध्यम से चेताया था।
शहर में शोभावतों की ढाणी के पास सड़क के समानांतर चल रहे भैरव नाले में भी कभी भी हादसा हो सकता है।
साथ ही पानी भरने के बाद सड़क व नाले में अंतर नजर नहीं आता।
वहां बरसात के बिना भी आए दिन नाले में गिरने से हादसे होते रहते हैं, निगम इस नाले को लेकर भी गंभीर नहीं है।