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दवा विक्रेता धारीवाल के परिवार को सवा करोड़ रुपए देने का आदेश

locationजोधपुरPublished: Aug 23, 2019 06:36:41 pm

Submitted by:

yamuna soni

साढ़े तीन साल पहले दवा विक्रेता रमन धारीवाल की कार पर डंपर पलटने का मामला
एमएसीटी कोर्ट का बड़ा फैसला

दवा विक्रेता धारीवाल के परिवार को सवा करोड़ रुपए देने का आदेश

दवा विक्रेता धारीवाल के परिवार को सवा करोड़ रुपए देने का आदेश

जोधपुर.

मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण जोधपुर महानगर (MACT Jodhpur Metro) के न्यायाधीश रामेश्वरदयाल रोहिला ने डंपर चालक की लापरवाही से साढ़े तीन साल पहले 40 वर्षीय व्यवसायी की दर्दनाक मौत के मामले में नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी (natrional insurance company) को मृतक की पत्नी, दोनों नाबालिग पुत्रों और माता-पिता को 13 अक्टूबर तक एक करोड़, पांच लाख, 83 हजार, 426 रुपए मुआवजा और 19 लाख 16 हजार रुपए ब्याज के अदा करने के निर्देश दिए हैं।
शास्त्रीनगर निवासी संगीता धारीवाल ने अधिवक्ता अनिल भण्डारी के माध्यम से कोर्ट के समक्ष दावा पेश कर कहा कि उसके पति रमन धारीवाल (40) 28 जनवरी, 2016 को सवेरे दस बजे घर से कार में अपनी दुकान धारीवाल मेडिकल (dhariwal medical jodhpur) के लिए निकले थे। नेहरू पार्क (nehru part jodhpur) के पास एक डम्पर (मिक्सर) अनाधिकृत रूप से आया और चालक की लापरवाही से डम्पर पलटकर कार के ऊपर गिर गया।
कार पूरी तरह पिचक गई और उनके पति रमन की मौके पर ही मृत्यु हो गई। अधिवक्ता भण्डारी ने बहस में कहा कि मृतक पिछले दो दशक से धारीवाल मेडिकल एजेंसीज में भागीदार थे।
भारी वाहन के आवागमन पर रोक होने के बावजूद रहवासीय क्षेत्र में डम्पर के आने से यह दुखद घटना हुई और इस वजह से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

उन्होंने कहा कि मृतक की पत्नी के अलावा उनके दो नाबालिग पुत्र व वयोवृद्ध माता पिता है इसलिए डम्पर की बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस से उन्हें मुआवजा दिलाया जाए।

डंपर मालिक और चालक ने कोर्ट में भी नहीं मानी गलती

डम्पर मालिक विवेक व चालक ने अपने बचाव में दलील देते हुए गलती को मानने से इंकार कर दिया। डंपर का बीमा करने वाली नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने अजीब दलील देते हुए कहा कि मृतक का दवाइयों का व्यवसाय अब भी पहले की तरह चल रहा है इसलिए दावा खारिज किया जाए।
कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने फैसले में कहा कि डम्पर चालक ने गलत दिशा में तेज गति व लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना की है, जिसमें कोई संशय नहीं है। मृतक पिछले कई सालों से आयकर देता था, मृतक के परिजन को उसकी आय से वंचित होना पड़ा है।

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