आंकड़े देखें तो भाजपा-कांग्रेस में आधे प्रत्याशी ही अपना आयकर भरते हैं। इनमें ज्यादातर भरने वाले बिजनसमैन हैं। इसके अलावा नगर निगम उत्तर-दक्षिण दोनों में 30 से 40 ही भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी आयकरदाता है। आधे से ज्यादा किसी प्रकार का आयकर नहीं भरते है।
कोई कुछ नहीं कमाता, कोई 55 हजार तो कोई 9 लाख रुपए कमाता है
निर्वाचन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें कई प्रत्याशियों ने अपनी इनकम सालाना शून्य रुपए ही लिखी है। कोई 36 हजार, 55 हजार तो कोई सालाना 4 से 9 लाख रुपए भी कमाता है। 9 लाख रुपए कमाने वाले नौकरी पेशा और बिजनैसमेन आदि है।
निर्वाचन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें कई प्रत्याशियों ने अपनी इनकम सालाना शून्य रुपए ही लिखी है। कोई 36 हजार, 55 हजार तो कोई सालाना 4 से 9 लाख रुपए भी कमाता है। 9 लाख रुपए कमाने वाले नौकरी पेशा और बिजनैसमेन आदि है।
कई जनों ने नहीं लिखी अपनी आय वहीं कई प्रत्याशियों की इनकम अभी निर्वाचन विभाग के दफ्तर में जमा नहीं हुई है। इसलिए उनकी इनकम निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश नहीं हो पाई है।
कई प्रत्याशी इनकम टैक्स भरने लायक भी नहीं कमाते। उसके बावजूद ऐसे प्रत्याशियों की इच्छा राजनीति में कॅरियर बनाने की है।