— बाजार व घरों में जा रहे कैम्पर पानी के कैम्पर, केन का दुकान या बाजारों के साथ घरों में आपूर्ति पर अधिक जोर है। शहर में अधिकांश दुकानों, कार्यालयों, बैंकों सहित व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर पानी के 20 लीटर के कैम्पर उपयोग में लिए जा रहे है। वहीं कई घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की समस्या के चलते पैक पानी के कैम्पर आदि काम में लिए जा रहे है। 1 कैम्पर पानी के लिए 15 से 20 तक की वसूली की जा रही है। शहर में कई स्थानों पर पैक पानी के प्लांट लगे हुए है जो दिनभर सप्लाई का काम करते है। वहीं एक घर से प्रतिमाह 300 से 400 रुपए पैक पानी के लिए भुगतान किया जा रहा है।
—- कोरोना ने तोड़ दी कमर वाटर कैम्पर व पैक बोतलों के कारोबार करने वाले सिद्धि विनायक वाटर सप्लायर्स के शंकर भूतड़ा ने बताया कि इस वर्ष पैक पानी का कारोबार फ रवरी तक शानदार चल रहा था। कोरोना की वजह से मार्च से यह कारोबार प्रभावित होने लगा। अनलॉक के बाद लोगों ने स्वास्थ्य की दृष्टि से अपने घर के गर्म पानी का उपयोग करने लगे। इस वजह से बाजारों व घरों में पैक पानी के बोतल की मांग कम हो गई। वहीं कोरोना काल में शहर में चल रहे पानी के करीब 10 प्लांट बंद हो गए। अब शादी-विवाह में भी लोगों की सीमित संख्या व अन्य आयोजनों की कमी के कारण कारोबार की कमर टूट गई है। कोरोना से पहले ब्राण्ड़ेड कम्पनी की पैक बोतलों की 10 गाडी माल प्रतिदिन खपत थी। 1 गाड़ी में 900-1000 कार्टून होते है। 1 कार्टून में 48 बोतलें होती है। ये बोतलें 200 एमएल, 500 एमएल, 1 व 2 लीटर की होती है। 5 लीटर का केन होता है।
— पैक पानी का कारोबार एक नजर में – 150-200 प्लांट – 75-80 हजार शहर में दुकानें – 60-65 हजार कैम्पर प्रतिदिन खपत – 15 से 20 रुपए प्रति कैम्पर चार्ज
– 400 वाटर सप्लायर्स – 8-10 हजार लोग प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से पा रहे रोजगार —