scriptहाईकोर्ट: 1947 के विभाजन के घाव आज भी पाक विस्थापितों के रूप में देखने को मिल रहे | Pak migrants conditions in jodhpur | Patrika News

हाईकोर्ट: 1947 के विभाजन के घाव आज भी पाक विस्थापितों के रूप में देखने को मिल रहे

locationजोधपुरPublished: Aug 18, 2017 09:50:17 am

Submitted by:

Amit Dave

पाक विस्थापितों के मामले में लिया प्रसंज्ञान, केन्द्र व राज्य सरकार से किया जवाब तलब
 

rajasthan high court

pakistani immigrants, Pak migrants conditions in jodhpur, rajasthan high court, indo pak issues, jodhpur news

जोधपुर . राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश गोविंद माथुर व न्यायधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ ने गुरुवार को पाक विस्थापितों से संबंधित अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर प्रसंज्ञान लेते हुए केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 24 अगस्त तक जवाब तलब किया। खंडपीठ ने केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी विभिन्न सर्कुलर व विशेष रूप से 7 सितंबर 2015 को जारी अधिसूचना के बावजूद जोधपुर जैसे शहर में नागरिकता के लिए योग्यता रखने वाले 22 हजार पाक विस्थापितों को प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते लटकाकर रखने को गंभीर माना है।
विभाजन के घावों के निशां बाकी


खंडपीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि 1947 में हुए देश के विभाजन की त्रासदी के निशान आज भी पाक विस्थापितों में गहरे घावों के रूप में देखने को मिल रहे हैं। पाकिस्तान व बांग्लादेश में माइनर भारतीय के रूप में सामाजिक व राजनीतिक भेदभाव के चलते अत्यंत दुर्दशापूर्ण हालात में रहना पड़ता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति भारत में आकर शरण लेते हुए अपना शेष जीवन शांतिपूर्ण व गरिमापूर्ण माहौल में बिताना चाहता है।
यही कारण है कि हजारों की संख्या में विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान में ऐसे लोगों ने पलायन करते हुए शरण ली है। केन्द्र सरकार की ओर से इन लोगों के लिए समय समय अधिसूचनाओं व सर्कुलर्स जारी करते हुए इनको भारत में नागरिकता देने के नियम सरल बनाए जा रहे हैं। इसके बावजूद नियमों के चलते इन लोगों को वापस मूल देश में डिपोर्ट कर दिया जाता है। वहां फिर से ऐसे लोगों के दुर्दिन शुरू हो जाते हैं।
केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 24 अगस्त तक जवाब तलब किया हे। राज्य सरकार की ओर से एएजी कांतिलाल ठाकुर ने, जबकि केन्द्र सरकार की ओर से विपुल सिंघवी ने नोटिस प्राप्त किए। खंडपीठ ने मामले में कोर्ट केो सहयोग देने के मद्देनजर कमल जोशी व सज्जनसिंह राठौड को न्यायमित्र नियुक्त किया। मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो