राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर, जोधपुर के अलावा जयपुर में मौजूद स्लीपर मोड्यूल वाट्सएप वॉइस और वीडियो कॉल के जरिए सामरिक महत्व की सूचनाएं आइएसआइ एजेंट को भेज रहे हैं। स्लीपर मोड्यूल को पैसा हवाला के जरिए जयपुर में प्राप्त होता है। मिलिट्री इंटेलीजेंस, आइबी सहित राज्यों की खुफिया एजेंसियों ने ऐसे वाट्सएप बिजनेस एकाउंट पकड़े हैं। लेकिन पकड़ में आने के बाद पाकिस्तान में बैठा एडमिन ग्रुप बंद कर नया ग्रुप शुरू कर देता है जो खुफिया एजेंसियों के लिए सिर दर्द बना हुआ है।
वाट्सएप ग्रुप में आम जनता के साथ एजेंट
ऐसा नहीं है कि आइएसआइ ने केवल अपने एजेंट के लिए ही वाट्सएप गु्रप बनाया है। जासूसी से बचने के लिए आइएसआइ के एजेंट आम लोगों को ग्रुप में जोड़ते हैं ताकि भारत की खुफिया एजेंसियों की नजरें उस पर नहीं पड़े। ऐसे में अगर किसी वाट्सएप मेंबर को ग्रुप में संदिग्ध गतिविधि नजर आती है तो इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए।
ऐसा नहीं है कि आइएसआइ ने केवल अपने एजेंट के लिए ही वाट्सएप गु्रप बनाया है। जासूसी से बचने के लिए आइएसआइ के एजेंट आम लोगों को ग्रुप में जोड़ते हैं ताकि भारत की खुफिया एजेंसियों की नजरें उस पर नहीं पड़े। ऐसे में अगर किसी वाट्सएप मेंबर को ग्रुप में संदिग्ध गतिविधि नजर आती है तो इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए।
दुबई के रास्ते जा रहे पाकिस्तान
थार एक्सप्रेस सहित भारत से पाकिस्तान जाने वाली रेल व बस सेवा बंद होने के बाद स्लीपर मोड्यूल के चीफ दुबई के रास्ते पाकिस्तान पहुंचकर आइएसआइ से दिशा निर्देश ले रहे हैं। आइएसआइ की गतिविधियों का मुख्य केंद्र फिलहाल करांची है।
थार एक्सप्रेस सहित भारत से पाकिस्तान जाने वाली रेल व बस सेवा बंद होने के बाद स्लीपर मोड्यूल के चीफ दुबई के रास्ते पाकिस्तान पहुंचकर आइएसआइ से दिशा निर्देश ले रहे हैं। आइएसआइ की गतिविधियों का मुख्य केंद्र फिलहाल करांची है।
यूपी में पकड़ा गया जासूस
हाल ही उत्तरप्रदेश के चांदौली में आइएसआइ एजेंट गिरफ्तार किया गया। उसके मोबाइल नम्बर में राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते जिलों के निवासियों के मोबाइल नम्बर हैं। वे वाट्सएप बिजनेस एकाउंट से आपस में जुड़े हैं। राज्य और केंद्र की एजेंसियों को यह सूचना मिलने के बाद बॉर्डर एरिया में छानबीन शुरू हो गई है।
हाल ही उत्तरप्रदेश के चांदौली में आइएसआइ एजेंट गिरफ्तार किया गया। उसके मोबाइल नम्बर में राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते जिलों के निवासियों के मोबाइल नम्बर हैं। वे वाट्सएप बिजनेस एकाउंट से आपस में जुड़े हैं। राज्य और केंद्र की एजेंसियों को यह सूचना मिलने के बाद बॉर्डर एरिया में छानबीन शुरू हो गई है।