जोधपुर

दस करोड़ का हर्जाना देना होगा एमडीएम अस्पताल में एमआरआइ सेंटर संचालित करने वाली फर्म के पार्टनर को

‘सरकारी अस्पताल में एमआरआइ सेंटर कमाई का जरिया नहीं, सेवा के केन्द्र’

जोधपुरSep 18, 2018 / 02:09 am

yamuna soni

दस करोड़ का हर्जाना देना होगा एमडीएम अस्पताल में एमआरआइ सेंटर संचालित करने वाली फर्म के पार्टनर को

 
जोधपुर

 

राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त आर्बीट्रेटर ने महत्वपूर्ण फैसला करते हुए एमडीमएम अस्पताल में पीपीपी मोड पर एमआरआइ सेंटर संचालित करने वाली फर्म सत्यम डाइगनॉस्टिक सेंटर के भागीदारी विवाद का निस्तारण कर दिया।
 

आर्बीट्रेटर जस्टिस एनपी गुप्ता ने 844 पेज के अवार्ड में टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल के एमआरआइ सेंटर व्यापार होने के साथ जनसेवा का भी कार्य है। इसीलिए सभी साझेदार जनता के हित में आपसी विवाद भुलाकर व्यापक जनहित में पूरी निष्ठा के साथ एमआरआइ सेंटर को चलायेंगे।
 

अवार्ड में पचास प्रतिशत के भागीदार करणीसिंह धुपालिया की भागीदारी कायम रखी गई है। अवार्ड में कहा गया कि धुपालिया को अन्य भागीदारों ने नए साझेदारी डीड बनाकर गलत तरीके से फर्म से हटाया इसीलिए उनकी भागीदारी पूर्व की भांति पचास प्रतिशत शेयर के साथ कायम की गई। अधिवक्ता हिमांशु माहेश्वरी ने बताया कि आर्बीट्रेटर ने अन्य भागीदारा अंशुल सिरोया और अमित पुरोहित पर दस करोड रुपए हर्जाना लगाते हुए यह रकम फर्म में जमा करवाने का निर्देश दिया है।
 


आर्बीट्रेटर ने अन्य भागीदारों को प्रतियोगी व्यापार का दोषी मानते हुए चार करोड़ रुपए भागीदार करणीसिंह को अदा करने का भी निर्देश दिया है। करणीसिंह की ओर से अधिवक्ता हिमांशु माहेश्वरी, हेमराज सोनी व शंकरसिंह देवड़ा ने पैरवी की।
 

 

साझेदार अशुंल सिरोया की ओर से रमित मेहता और मोहित सिंघवी ने कहा कि धुपालिया ने मनमाने तरीके से सेंटर से निजी कार्यों के लिए करीब 80 लाख रुपए निकाल लिए। इसके अलावा भी कई तरह की अनियमितताएं की गई। इनके बारे में अवार्ड में जिक्र नहीं किया गया इसलिए इसके खिलाफ अपील करेंगे।
आर्बीट्रेटर ने अन्य भागीदारों को प्रतियोगी व्यापार का दोषी मानते हुए चार करोड़ रुपए भागीदार करणीसिंह को अदा करने का भी निर्देश दिया है। करणीसिंह की ओर से अधिवक्ता हिमांशु माहेश्वरी, हेमराज सोनी व शंकरसिंह देवड़ा ने पैरवी की।
 

 

साझेदार अशुंल सिरोया की ओर से रमित मेहता और मोहित सिंघवी ने कहा कि धुपालिया ने मनमाने तरीके से सेंटर से निजी कार्यों के लिए करीब 80 लाख रुपए निकाल लिए। इसके अलावा भी कई तरह की अनियमितताएं की गई। इनके बारे में अवार्ड में जिक्र नहीं किया गया इसलिए इसके खिलाफ अपील करेंगे।
 

 

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