—————– यह बदलाव किए गए – नई शीतकालीन समय सारणी में एक ही समय में एक ही स्टेण्ड पर बसों के ओवर लेपिंग अर्थात आपसी टकराव को रोकने के प्रयास किए गए है ताकि सभी डिपो को समान रूप से यात्री भार मिले और आपस में टकराव का फ ायदा निजी संचालक नहीं उठा सके।
– आपसी टकराव वाली बसों के संचालन समय में बदलाव कर आगे पीछे किया गया है ताकि यात्री बार बना रहे। – डिमांड वाले रूट पर नई बसें नई समय सारणी में घाटा देने वाले, औसत से कम आय और यात्री भार वाले रूट पर बसों का संचालन घटाया अथवा बदल कर किया जाता है।
– कुछ रूट पर बंद बसें पुन: चलाने और कुछ रूट पर नई बसें संचालित करने का प्रावधान किया गया है। – उपलब्ध संसाधनों का अधिक उपयोग कर डिपो को आवंटित किलोमीटर चला कर अधिक राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य दिया गया।
—— ग्रामीण फेरे हुए कम नई समय सारणी में वाहनों की उपलब्धता को देखते हुए करीब 1 हजार किमी संचालन कम कर विभिन्न रुटों पर 13 फेरे कम किए गए है। जोधपुर-पीपाड़, जोधपुर-बिलाड़ा, मेड़ता से जोधपुर, जोधपुर से ओसिया आदि रुटों पर फेरे कम किए गए है।
– डिपो में अब 114 सरकारी वाहन, 3 हुए कम नई समय सारणी में कम आय, कम यात्री भार को देखते हुए 3 वाहनों को कम किया गया है। पूर्व में जोधपुर डिपो में 117 सरकारी वाहन थे, अब 114 होंगे, इनमें 32 अनुबंधित वाहन भी शामिल है। रोडवेज सूत्रों के अनुसार, जोन में अवधि पार व कंडम बसों को देखते हुए आगे भी वाहनों का संचालन कम होने की संभावना है।
— रोडवेज मुख्यालय के निर्देशानुसार नई समय सारणी में यात्री भार बढ़ाने, घाटा कम करने जैसे बिन्दुओं पर ध्यान दिया गया है। सोमवार से नई समय सारणी लागू होगी। बीआर बेड़ा, मुख्य प्रबंधक
जोधपुर डिपो