मथुरादास माथुर अस्पताल, उम्मेद अस्पताल और महात्मा गांधी अस्पताल में हड़ताल के दौरान गत तीन दिन में ४६ मरीजों की मौत हो चुकी हैं। मथुरादास माथुर अस्पताल में १६ और उम्मेद में ४ मौत होने का तथ्य सामने आया है। सीएमएचओ डॉ. एसएस चौधरी के अनुसार शहरी क्षेत्र में ३३ में ११ तथा ग्रामीण में २२६ में से १६५ सेवारत चिकित्सक हड़ताल पर हैं। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल २८९ सेवारत चिकित्सकों में से १७६ डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में २०० से ज्यादा रेजीडेंट चिकित्सक हड़ताल पर हैं।
लेबर रूम पहुंचने से पहले प्रसव उम्मेद अस्पताल में पहुंचने से पहले गत मंगलवार को दो प्रसूताओं के गेट के बाहर ही प्रसव हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ महिलाओं की मौजूदगी में जच्चा-बच्चा को अस्पताल के अंदर ले जाया गया, जहां बाद में सीनियर चिकित्सकों ने सुध ली। वहीं उम्मेद अस्पताल के लेबर रूम में हड़ताल के कारण खासी मारामारी चल रही है। रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण प्रसव कराने के कार्य भी धीमी गति से चल रहे हैं।
निजी अस्पताल में बढऩे लगी भीड़
सरकारी अस्पतालों में सेवारत और रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के कारण निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढऩे लगी है। हालांकि कलक्टर के निर्देश हैं कि सरकारी पर्ची पर निजी अस्पतालों में मरीजों को नि:शुल्क देखा जाएगा। उसके बावजूद बहुत कम लोग सरकारी पर्ची लाकर नि:शुल्क दिखाने में रुचि ले रहे हैं। मथुरादास माथुर अस्पताल में कई बड़े ऑपरेशन टल रहे हैं। इस बीच कई लोग निजी अस्पतालों में जाकर ऑपरेशन करवा रहे है। कई लोग सिजेरियन डिलीवरी भी निजी अस्पतालों में करवा रहे हैं।
बीमार चल रहे चिकित्सकों को एमडीएम आना होगा संयुक्त निदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. संजीव जैन ने संभाग भर के सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि उनके यहां मेडिकल लेकर अवकाश पर चल रहे सभी चिकित्सक एक बार मथुरादास अस्पताल आएं, जहां उन्हें मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होना होगा। बगैर मेडिकल बोर्ड की राय के किसी भी चिकित्सक का रूपांतरित अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।