शिवसर तालाब पर बही श्रम की बून्दें, निखर उठा सौन्दर्य, राजस्थान पत्रिका अमृतं जलम महाभियान- चार घण्टे तक हुआ श्रमदान, जेसीबी व ट्रैक्टर भी लगे सफाई मे
फलोदी. राजस्थान पत्रिका द्वारा प्राचीन जलस्रोतों व जल संरक्षण को लेकर चलाए जा रहे ‘अमृतं जलम्’ महाभियान के तहत रविवार को शहर के प्राचीन व ऐतिहासिक शिवसर तालाब पर श्रमवीरों ने श्रम की बून्दें बहाई। यहां सुबह ६.३० बजे से १०.३० बजे तक श्रमदान के बाद तालाब का सौन्दर्य निखर उठा। इस दौरान जेसीबी व टै्रक्टर भी सफाई में तैनात रहे। शिवसर तालाब पर श्रमदान में शहर के कई स्वयं संगठनों के कार्यकर्ताओं व प्रबुद्धजनों ने उत्साहपूर्वक तालाब के घाट, पाळ व आस-पास के क्षेत्र में सफाई कर प्राचीन जलस्रोतों के संरक्षण का संदेश दिया।
शिवसर तालाब पर पिछले लम्बे समय से सफाई नहीं होने के कारण घाट व आस-पास की फर्श पर भारी मात्रा में कचरा जमा गया था तथा पाळ के पास वाले क्षेत्र में भारी मात्रा में झाडिय़ां उग गई थी। यहां श्रमदान के लिए पंहुचते ही लोगों ने अलग-अलग टीमें बना ली और तालाब के अलग-अलग स्थानों पर सफाई में जुट गए। इस दौरान तालाब की पाळ पर उगी झाडिय़ों, तालाब के मुख्य घाट, गौ घाट सहित कई घाटों की सफाई, फर्श की सफाई,
शिव मंदिर के पास उगी झाडिय़ों की सफाई आदि
कार्य किए गए। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता सम्पत चाण्डा, जेआरएस फाण्डेशन के संयोजक डॉ.
दिनेश शर्मा , समाजसेवी पन्नालाल व्यास, दूसरा दशक के परियोजना निदेशक मुरारीलाल थानवी, जेआरडी सेवा समिति अध्यक्ष रमेश थानवी, चतुर्भुज सोनी, पार्षद राधाकिशन थानवी, रमेश थानवी, रतनचंद जैन, , राजेश बोहरा, रमेश व्यास, जयराम गज्जा, शिवकुमार व्यास, रमणलाल बोहरा, अरुण व्यास, एसपी चाण्डा, मुरली बोहरा, जगदीश जयपुरिया, रामदयाल थानवी, जानकीलाल शर्मा, कमल शर्मा, महेश गुचिया, हरीश चाण्डा, संदीप सोनी, अशोक शर्मा, विजय शर्मा, करणसिंह राजपुरोहित, दिलीप शर्मा, श्यामलाल माली, नगरपालिका के जयप्रकाश रंगा, हुक्मीचंद शर्मा, जितेन्द्र लखेश्री, मनोहर वाल्मिकी, बसंत सुथार, लक्ष्मण सुथार, बालकिशन सुथार, विजय शर्मा, शालिनी जैन, कोमल, पायल, मुकेश व्यास, गौरव जैन, दिव्या जैन, एनके चाण्डा, भादूसिंह, शिवगिरी, भवानीसिंह, आनन्दीलाल चाण्डा, ओमप्रकाश दवे, राजकुमार पुरोहित, दर्पण शर्मा, कंवरलाल चांडा, इन्द्रप्रकाश जोशी, भगाराम मेघवाल, राणुलाल व्यास, विश्वम्भर चांडा आदि ने अपनी सेवाएं दी। श्रमदान में शिवसर बचाओं संघर्ष समिति, जेआरएस फाण्डेशन, दूसरा दशक, जय रूणीचा दरबार सेवा समिति, नगरपालिका की जेसीबी, ट्रैक्टरों व सफाईकर्मियों का सहयोग रहा।
आस्था का केन्द्र है तालाब-
शहर का प्राचीन शिवसर तालाब शहरवासियों की आस्था का केन्द्र है। तालाब पर स्थित
हनुमान मंदिर, शिव मंदिर पर श्रद्धालुओं की आवाजाही लगी रहती है। साथ ही तालाब पर वर्षभर कई धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होता है। श्रमदान के दौरान लोगों ने तालाब पर सफाई की नियमित व्यवस्था की मांग रखी।
पर्यटन के लिहाज से है महत्वपूर्ण-
शिवसर तालाब का आकार विशाल है तथा प्राकृतिक सौन्दर्य की अनूठी झलक पेश करता है। तालाब नहर से जुड़ा होने के कारण हर समय पानी से लबालब भरा रहता है। यहां सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाए तो तालाब की सूरत बदल सकती है।