पत्रिका- मेरी एक बच्ची है। बारहवीं विज्ञान वर्ग में दाखिला करवाना है। आपके यहां क्या-क्या सब्जेक्ट हैं? बुजुर्ग- हमारे यहां सभी सब्जेक्ट है।
पत्रिका- मैं चाहता हूं, वह स्कूल न आए। रैगुलर दाखिला करवा देंगे। मैं उसे ट्यूशन पर डालूंगा?
पत्रिका- कितने रुपए लग जाएंगे? बुजुर्ग- कल आओ, सचिव साहब से बातचीत कर लेना। हो जाएगा, लेकिन जोखिम पूरा आपका है।
पत्रिका- आप तो काम करवा दे, मुंह मांगा दाम दे दूंगा।
पत्रिका- कोई बात नहींं, हम आ जाएंगे, लेकिन सत्रांक अच्छे भेजना? बुजुर्ग- बिल्कुल, प्रेक्टिकल के लिए आना पड़ेगा।
पत्रिका- कितने रुपए लग जाएंगे? बुजुर्ग- तीस से चालीस हजार रुपए बाहर वालों से लेते हैं, आपके लिए १० से १५ हजार रुपए कम हो जाएंगे।
पत्रिका- बच्ची के पांव में फ्रेक्चर है। आठवीं पास है। उसे अगले साल नवीं कक्षा में एडमिशन चाहिए? स्कूल संचालक का भाई- ये हम अगले सेशन में कर पाएंगे। हम नवीं में लेते है, हमारा स्कूल आठवीं तक है। वैसे अगले सेशन में क्रमोन्नत कर सकते है।
सवाल : वैसे प्रतापनगर वाली मीरा बाई ने अपने बच्चों को यहीं पढ़ाया था। वह ६० प्रतिशत अंक लाई। जवाब : हम यहां कोचिंग करवा देंगे। वहां स्कूल जाने की उसे बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ेगी।
सवाल : फीस कितनी होगी? जवाब : फीस दस हजार रुपए होगी। वैसे हमारे दो-तीन स्कूल हैं, कहीं पर भी दाखिला करवा देंगे।
सवाल : डबल माथापच्ची की जरूरत तो नहीं रहेगी, आपके यहां ट्यूशन आओ, फिर स्कूल भी जाओ। आपका कार्ड भी देना?
संदेह के दायरे में शिक्षा विभाग
शहर में अनगिनत स्कूल इस तरह शिक्षण करवा कर सीधे तौर पर सरकार के साथ धोखा कर रहे हैं। जबकि इस बारे में शिक्षा विभाग के अफसरों और कर्मचारियों को जानकारी है, लेकिन वे अनजान बने हुए हैं। एेसे में साफ तौर पर मिलीभगत का अंदेशा जताया जा रहा है। जबकि इन स्कूलों को बकायदा मान्यता देने और स्कूल की कक्षाएं बढ़ाने की क्रमोन्नति के लिए अधिकारी निरीक्षण करने जाते हैं। कई स्कूल एेसे हैं, जो बिना सूचित किए स्थान तक परिवर्तन कर रहे हैं। बहरहाल शिक्षा विभाग के अफसर आंखें मूंदे हुए हैं।
इनका कहना है मैं बांसवाड़ा जा रहा हूं। इस मामले को दिखवाएंगे। ये सभी गलत काम हैं।
– धर्मेंद्रकुमार जोशी, डीईओ प्रारंभिक प्रथम, जोधपुर मैं बीकानेर हूं। इस मामले को आकर देखता हूं।
– बंशीधर गुर्जर, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा, जोधपुर मंडल (कार्यवाहक डीईओ माध्यमिक प्रथम हनुमान सहाय गुर्जर का फोन स्वीच ऑफ आने पर इनसे हुई बात)