चार साल से डाकघर में मिल रहा गंगाजल
डाक विभाग ने वर्ष 2016 से डाकघरों में गंगाजल की बिक्री शुरू की। विभाग ने इसके लिए गंगोत्री और ऋषिकेश का गंगा जल 200 मिलीलीटर और 500 मिलीलीटर की प्लास्टिक की बोतल में डाकघरों में उपलब्ध कराया था। गंगोत्री वह स्थान है जहां ग्लेशियर से निकलने के बाद भागीरथी नदी और अलकनंदा नदी मिलकर गंगा बनती है। यह उत्तराखण्ड के देवप्रयाग जिले में है। यहां गंगा पहाड़ों पर बहती है और मैदानी भाग में सर्वप्रथम ऋषिकेश में प्रवेश करती है। डाकघर ने पहाड़ और मैदान दोनों का ही गंगा जल देश की जनता को घर बैठे उपलब्ध करवाया। इसके लिए विभाग निदेशक (गंगाजल) पद भी सृजित किया।
डाक विभाग ने वर्ष 2016 से डाकघरों में गंगाजल की बिक्री शुरू की। विभाग ने इसके लिए गंगोत्री और ऋषिकेश का गंगा जल 200 मिलीलीटर और 500 मिलीलीटर की प्लास्टिक की बोतल में डाकघरों में उपलब्ध कराया था। गंगोत्री वह स्थान है जहां ग्लेशियर से निकलने के बाद भागीरथी नदी और अलकनंदा नदी मिलकर गंगा बनती है। यह उत्तराखण्ड के देवप्रयाग जिले में है। यहां गंगा पहाड़ों पर बहती है और मैदानी भाग में सर्वप्रथम ऋषिकेश में प्रवेश करती है। डाकघर ने पहाड़ और मैदान दोनों का ही गंगा जल देश की जनता को घर बैठे उपलब्ध करवाया। इसके लिए विभाग निदेशक (गंगाजल) पद भी सृजित किया।
अब केवल गंगोत्री का जल
जनवरी 2019 से डाक विभाग ने ऋषिकेश का गंगा जल बेचना बंद कर दिया है। अब केवल गंगोत्री का गंगा जल ही 250 मिलीलीटर की बोतल में उपलब्ध है। इसकी कीमत 30 रुपए है। पिछले एक साल से इसकी डिमाण्ड काफी बढ़ी है।
जनवरी 2019 से डाक विभाग ने ऋषिकेश का गंगा जल बेचना बंद कर दिया है। अब केवल गंगोत्री का गंगा जल ही 250 मिलीलीटर की बोतल में उपलब्ध है। इसकी कीमत 30 रुपए है। पिछले एक साल से इसकी डिमाण्ड काफी बढ़ी है।