scriptपितृ पक्ष में तर्पण के प्रति लोगों में श्रद्धा | People's reverence for Tarpan in Pitru Paksha | Patrika News

पितृ पक्ष में तर्पण के प्रति लोगों में श्रद्धा

locationजोधपुरPublished: Sep 23, 2021 11:38:11 am

Submitted by:

Nandkishor Sharma

पवित्र जलाशयों में तृतीया तिथि के श्राद्ध का तर्पण

पितृ पक्ष में तर्पण के प्रति लोगों में श्रद्धा

पितृ पक्ष में तर्पण के प्रति लोगों में श्रद्धा

पितृ पक्ष में तर्पण के प्रति लोगों में श्रद्धा
पवित्र जलाशयों में तृतीया तिथि के श्राद्ध का तर्पण

जोधपुर . पितृ ऋण से मुक्ति के पर्व श्राद्ध के तीसरे दिन बुधवार को द्वितीया तिथि को दिवंगत हुए पूर्वजों-परिजनों का श्राद्ध किया गया। सूर्यनगरी के विभिन्न पवित्र जलाशयों में आयोजित तर्पण कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागीदारी निभाई। भारतीय सनातन संस्कृति में दिवंगत पूर्वजों की आत्मिक शांति तथा उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने से जुड़े पर्व में गुरुवार को तृतीया का श्राद्ध किया जा रहा है। गुरुवार को शहर के विभिन्न पवित्र जलाशयों पदमसर, भूतनाथ, गौरेश्वर तालाब में तिल, जौ, कच्चे दूध, पुष्प, डाब के साथ तृतीया तिथि को देवलोक हुए पूर्वजों को जलांजलि अर्पित की। अनन्तधाम सेवा समिति की ओर से कायलाना तखत सागर जलाशय में श्राद्ध तर्पण की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। समिति के अध्यक्ष पं. विजयदत्त पुरोहित ने बताया कि श्राद्ध में केवल दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा की जरूरत होती है। नि:शुल्क विधिवत तर्पण का प्रथम सत्र सुबह 7.15 से 8.15 व द्वितीय सत्र सुबह 8.30 से 9.15 बजे होगा। जातकों को कोविड गाइडलाइन पालना के साथ श्राद्ध तर्पण के लिए आवश्यक पूजन सामग्री समिति की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
भोजन के पांच अंश
पितृपक्ष में ऐसा माना जाता है कि इस दौरान हमारे पितृ धरती पर आकर हमें आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करते समय पितरों के लिए भी आहार का एक अंश निकाला जाता है। भोजन के पांच अंश जलतत्व, अग्नि तत्व, वायु तत्व, पृथ्वी व आकाश तत्व गाय में ही एक साथ विद्यमान होने के कारण पितृ पक्ष में गौ सेवा को विशेष फ लदाई माना गया है।

पितृ पक्ष में तर्पण के प्रति लोगों में श्रद्धा
पवित्र जलाशयों में तृतीया तिथि के श्राद्ध का तर्पण

जोधपुर . पितृ ऋण से मुक्ति के पर्व श्राद्ध के तीसरे दिन बुधवार को द्वितीया तिथि को दिवंगत हुए पूर्वजों-परिजनों का श्राद्ध किया गया। सूर्यनगरी के विभिन्न पवित्र जलाशयों में आयोजित तर्पण कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागीदारी निभाई। भारतीय सनातन संस्कृति में दिवंगत पूर्वजों की आत्मिक शांति तथा उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने से जुड़े पर्व में गुरुवार को तृतीया का श्राद्ध किया जा रहा है। गुरुवार को शहर के विभिन्न पवित्र जलाशयों पदमसर, भूतनाथ, गौरेश्वर तालाब में तिल, जौ, कच्चे दूध, पुष्प, डाब के साथ तृतीया तिथि को देवलोक हुए पूर्वजों को जलांजलि अर्पित की। अनन्तधाम सेवा समिति की ओर से कायलाना तखत सागर जलाशय में श्राद्ध तर्पण की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। समिति के अध्यक्ष पं. विजयदत्त पुरोहित ने बताया कि श्राद्ध में केवल दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा की जरूरत होती है। नि:शुल्क विधिवत तर्पण का प्रथम सत्र सुबह 7.15 से 8.15 व द्वितीय सत्र सुबह 8.30 से 9.15 बजे होगा। जातकों को कोविड गाइडलाइन पालना के साथ श्राद्ध तर्पण के लिए आवश्यक पूजन सामग्री समिति की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
भोजन के पांच अंश
पितृपक्ष में ऐसा माना जाता है कि इस दौरान हमारे पितृ धरती पर आकर हमें आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करते समय पितरों के लिए भी आहार का एक अंश निकाला जाता है। भोजन के पांच अंश जलतत्व, अग्नि तत्व, वायु तत्व, पृथ्वी व आकाश तत्व गाय में ही एक साथ विद्यमान होने के कारण पितृ पक्ष में गौ सेवा को विशेष फ लदाई माना गया है।
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