जोधपुर

फिर सरकारी स्कूल कैसे बनाएगी नए डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक

हाल ए सरकारी स्कूल

जोधपुरApr 03, 2019 / 09:04 pm

Abhishek Bissa

फिर सरकारी स्कूल कैसे बनाएगी नए डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक

 
जोधपुर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विज्ञान संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की प्रायोगिक लैब उपेक्षा का शिकार हो रही है। बजट के अभाव में स्कूलों में लैब की हालत खस्ता पड़ी है। कहीं प्रयोगशाला सहायकों का अभाव है तो कहीं विज्ञान के वैकल्पिक विषयों के व्याख्याताओं का टोटा चल रहा है। कई जगहों पर पूरी लैब बदहाल हालत में है। इन हालातों में सरकारी स्कूल से नए डॉक्टर, इंजीनियर व वैज्ञानिक निकलना भी मुश्किल है। जबकि प्रयोगशालाएं विद्यार्थियों को थ्योरिकल ज्ञान के साथ प्रायोगिक ज्ञान भी देती है।
2160 प्रयोगशाला सहायक के पद खाली, वैकल्पिक विषय व्याख्याताओं के पद खाली
प्रदेश में सीनियर प्रयोगशाला सहायक के 450 पद हैं, जिनमें 237 पद खाली हैं। तृतीय श्रेणी प्रयोगशाला सहायक के 4199 स्वीकृत पद हैं, इनमें से 1923 पद रिक्त हैं। प्रयोगशाला सहायक का मुख्य कार्य लैब को व्यवस्थित रखना और सामान खत्म होने पर डिमांड प्रिंसिपल को भेजना होता है, लेकिन इन दिनों कई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायक के टोटे व विज्ञान लैब के उपेक्षित होने से सभी बातें केवल कागजों में सिमट गई है। बहरहाल, सरकारी स्कूलों में विज्ञान संकाय में व्याख्याताओं का भी टोटा है। भौतिक शास्त्र विषय के 2181 पद हैं, जिसमें 442 खाली, रसायन शास्त्र के 2295 पद और रिक्त 293, बायोलोजी के 1794 व 256 पद खाली हैं। मैथ्स के व्याख्याताओं के पद 1130 पद में से 367 रिक्त चल रहे हैं।
बच्चों से वसूल रहे सौ-सौ रुपए
सरकारी स्कूल में बारहवीं के बच्चों की फीस 280 रुपए है। वहीं सरकारी स्कूलों में विज्ञान संकाय के बच्चों से 380 रुपए लिए जाते है, जिनमें सौ रुपए प्रेक्टिकल के सामान की एवज लेते हैं। गर्वमेंट ग्रांट भी हमेशा नहीं मिलती है। इतने पैसे में विद्यार्थियों के लिए रिजल्ट ओरिएंटेड केमिकल भी नहीं मिलता है। स्कूल व्याख्याता भी कहते हैं कि लैब की हालत उपेक्षित है, इसके लिए स्कूल में विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों से भी अतिरिक्त सौ रुपए लिए जाते हैं। पर्याप्त मात्रा में राज्य सरकार भी बजट का आवंटन समय पर करें, ताकि विद्यार्थी प्रायोगिक ज्ञान का पूरा लाभ ले सके।
इनका कहना

स्टाफ पूरा करने का कार्य प्रक्रियाधीन है। प्रयोगशाला सहायक के पद भी भरे गए हैं। लैब के लिए समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से सामग्री की व्यवस्था की जा रही है।
– प्रेमचंद सांखला, डीईओ माध्यमिक (मुख्यालय)

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