प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'आओ दीप जलाएं' अभियान को जोधपुर शहर का भी भरपूर सहयोग मिला।
लोगों ने 9 बजने से पहले ही घरों की लाइट बंद करनी शुरू कर दी। लोगों ने दीप मालाएं की तो किसी ने पटाखे छोड़ कर आतिशबाजी भी की।
अधिकांश लोग अपनी छतों पर आ गए। शहर में दीपावली का नजारा नजर आया।
बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी ने उत्साह दिखाया। अधिकांश क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट भी बंद कर दी गई।
मेहरानगढ़ पर भी दीपदान होने से वह दूर से ही रात में भी पहचाना जा सकता था।
पीएम मोदी ने 9 मिनट यह एकजुटता का संदेश देने की अपील की थी लेकिन लोग 20 से 25 मिनट तक छतों पर उत्साह दिखाते रहे।
वहीं दूसरी ओर बिजली अभियंताओं को अपने-अपने पावर सेंटर पर मुस्तैद रखा गया।
जेइएन से लेकर एसई तक सभी ने जीएसएस पर ड्यूटी दी। सभी को फ्रिक्वेंसी कंट्रोल करने व किसी भी स्थिति में बिजली सिस्टम को ट्रिप होने से बचाने के लिए कहा गया था।
बिजली सिस्टम में जब रूटीन खपत होती है जो फ्रिक्वेंसी 49 हट्र्ज के आस-पास रहती है। 50 हट्र्ज से 53 के बीच स्थिति नियंत्रण में मानी जाती है। जैसे बिजली खपत कम होती है यह फ्रिक्वेंसी बढ़ती है।
102 वर्षीय कमला ओझा परिवार सहित कोरोना जंग में दीपदान किया।
लोगों ने दीपावली पर्व की तरह घरों में रंगोली बनाकर भी दीपादान किया।
लोगों ने शहर के कुछ क्षेत्रों में सड़कों पर उतरकर इसमें भागीदारी निभाई साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा।
वहीं कोरोना पॉजीटिव मरीजों के परिजनों ने जोधपुर करवड़ स्थित आयुर्वेद विवि में मोबाइल की रोशनी में यह अभियान पूरा किया।
पहले ही अपनी ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने भी इसमें भाग लेने में कोताही नहीं बरती। उन्होंने शहर के प्रमुख चौराहों को जगमग किया।
देश का नक्शा बनाकर जोधपुरवासियों ने एकजुटता का परिचय दिया।