प्रदेश में पॉलीथिन कैरी बैग के उपयोग को रोकने के लिए किए जा रहे कई दावे खोखले साबित हो रहे हैं। थोड़े समय के अंतराल में स्थानीय निकाय व अन्य विभाग मिलकर कार्रवाई कर अपनी खानापूर्ति कर लेते हैं। प्रदेश में एक भी प्रतिबंधित पॉलीथिन कैरी बैग बनाने वाली इकाई को अधिकृत स्वीकृति सरकारी विभागों ने नहीं दे रखी है। लेकिन इसके बावजूद हजारों किलो पॉलीथिन यहां बिकने के लिए आता है।
राजस्थान को पॉलीथिन मुक्त राज्य घोषित कर रखा है। पॉलीथिन शहर के ड्रेनेज सिस्टम को प्रभावित करता है। साथ ही इंसान और पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। यह बात सरकार खुद विधानसभा में एक सवाल के जवाब में मान चुकी है। रोकथाम के नाम पर नगरीय निकायों को निर्देश दिए गए कि पॉलीथिन जिन भी दुकानों में मिले उनसे जब्त कर लिया जाए। लेकिन इसके बावजूद स्थाई रूप से पॉलीथिन कैरी बैग के उपयोग पर रोक नहीं लग पाई है।
एक नजर में पॉलीथिन – वर्ष २०१० में अधिसूचना जारी कर प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त प्रदेश घोषित किया गया। – वर्ष २०१४ से लगातार नगरीय निकायों को पॉलीथिन कैरी बैग जब्त करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
– ४ साल प्रदेश में ३५ निकायों ने ४५ हजार ७४३ किलो पॉलीथिन कैरी बैग जब्त किए गए हैं। – सबसे ज्यादा कोटा में १६ हजार ५५३ किलो प्लास्टिक जब्त किया गया है।
– अधिकारिक तौर पर किसी भी इकाइ को प्रतिबंधित पॉलीथिन कैरी बैग बनाने की अनुमति नहीं है। कार्रवाई सिर्फ छोटे दुकानदार और ठेला चालकों पर पॉलीथिन कैरी बैग के उपयोग को रोकने के लिए विभाग की ओर से कार्रवाई सिर्फ दुकानदार और ठेला चालकों के विरुद्ध ही की जाती है। जबकि सरकारी महकमे खुद मानते हैं कि प्रदेश में यदि इस प्रकार की पॉलीथिन नहीं बनती तो इसका भंडारण बडे़ पैमाने पर होता है। लेकिन फिर भी इन बड़े व्यापारियों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती।
चार साल से प्रयास कर रही सरकार वर्ष २०१० से सरकार प्रयास कर रही है कि प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के लिए प्रयास कर रही है। स्वायत्त शासन विभाग पिछले चार साल से इन कैरी बैग को जब्त करने की कार्रवाई भी कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद पूर्ण रूप से प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है।