वारदात के बाद पीडि़त जब मण्डोर थाने पहुंचा तो कांस्टेबल राजकुमार व दिनेश मिले। एफआइआर दर्ज कराने के लिए जब पीडि़त ने सिपाहियों से पेन मांगा तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया। उन्होंने उलटा नसीहत दे डाली कि एफआइआर दर्ज कराने के लिए पेन साथ लेकर आएं। सरकार उन्हें पेन नहीं देती है।
चोरी की एक अन्य वारदात चतुरावतों का बेरा निवासी राधेश्याम पुत्र सीताराम सांखला घर हुई। गत १० सितम्बर को सुबह नौ बजे वे परिवार सहित बीकानेर चले गए। उनका पुत्र शक्तिसिंह गुरुवार को घर लौटा तो मुख्य गेट व अंदर दो कमरों के ताले टूटे हुए थे। अलमारी, लोहे के बक्से, दो सूटकेस व लोहे की पेटी में रखा सामान बिखरा पड़ा था। चोरों ने अलमारी व लॉकर के ताले तोड़ सोने का एक नेकलेस, कानों के झुमके, रखड़ी सेट, अंगूठी, चांदी के पच्चीस सिक्के, पायजेब की तीन जोड़ी, अंगूठी और पांच हजार रुपए चुरा लिए। राधेश्याम व परिवार के लोग बीकानेर से जोधपुर पहुंचे और चोरी का मामला दर्ज कराया।