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इंटरनेट कॉल करके करवाई थी फायरिंग झंवर थानान्तर्गत खुडाला निवासी विष्णु बिश्नोई व लॉरेंस में काफी समय से सम्पर्क है। लॉरेंस 19 महीने से पंजाब की जेल में बंद है। विष्णु ने रुपए कमाने के लिए लॉरेंस को रंगदारी के लिए जोधपुर के नामचीन लोगों के नाम बताए थे। तब उसने फरीदकोट जेल से मनीष जैन को इंटरनेट कॉल करके धमकियां दी थी। लॉरेंस के निर्देश पर चार मार्च को विष्णु व हरेन्द्र चौधरी जैन ट्रैवल्स में फायरिंग करने गए थे, लेकिन हथियार में गड़बड़ी होने से गोली नहीं चल पाई थी। फिर सत्रह मार्च की सुबह पंजाब के चार अन्य शूटर के साथ मिलकर डॉ सुनील चाण्डक व मनीष जैन के मकान पर फायरिंग की गई थी। जांच में सामने आया था लॉरेंस ने ही जेल से यह फायरिंग करवाई थी। उसने मोबाइल से इंटरनेट कॉल किए थे, लेकिन पुलिस के हाथ यह मोबाइल नहीं लगा है।
कोर्ट में अभी भी नकार रहा है आरोप लॉरेंस बिश्नोई अदालत में पेशी के दौरान अभी से पुलिस के आरोपों को नकार रहा है। गत पेशी पर उसने कोर्ट में कहा था कि वह जेल में बंद है, जहां मोबाइल वर्जित है। उसने फायरिंग नहीं करवाई।
सरकारी वकील ने दी थी सलाह, पुलिस ने किया अनसुना लॉरेंस के खिलाफ आरोप को साबित करने तथा उसे सजा तक पहुंचाने के लिए एक अधिवक्ता ने पुलिस अधिकारियों को सलाह दी थी कि जेल में मोबाइल से बात करने पर जेल अधिकारियों पर भी जांच की जाए। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। जिससे यह साबित हो सकेगा कि बंदी ने जेल से मोबाइल पर बात की थी। अन्यथा जेल में मोबाइल पर पाबंदी होने से कोर्ट में आरोपी को फायदा मिलेगा, लेकिन पुलिस ने अनसुना कर दिया था।
READ MORE- #TotalNoToChildMarriage: बचपन के टूटे ख्वाब इस ‘लाडो’ को मिले एेसे संघर्ष के बाद डकैती के आरोपी से बरामद किया था मोबाइल प्रतापनगर बस स्टैण्ड के पास एक बस ऑपरेटर पर फायरिंग कर मारने का प्रयास किया गया था। जांच में सामने आया कि जोधपुर जेल में बंद डकैती के आरोपी धनसिंह गूर्जर ने मोबाइल पर बात करके फायरिंग करवाई थी। पुलिस ने धन सिंह को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। तत्कालीन थानाधिकारी विद्याधर डूडी ने रिमाण्ड के दौरान उसके कब्जे से जेल के बैरक में गाड़कर रखा मोबाइल बरामद किया था।
पुलिस के तर्क : जेल में होने से कुछ बरामद नहीं हुआ लॉरेंस को अब तक शास्त्रीनगर व प्रतापनगर थाने में दर्ज प्रकरणों में गिरफ्तार किया जा चुका है। शास्त्रीनगर थाने में एक और मामले में उसे दुबारा गिरफ्तार किया जाएगा। अब तक की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों का मोबाइल बरामद के संबंध में तर्क है कि लॉरेंस जेल में बंद है। एेसे में उससे कुछ बरामद नहीं हो सका है।