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जिसे सुधार स्वीकार नहीं वह समाज मुर्दा समान : मोदी

locationजोधपुरPublished: Feb 22, 2016 04:37:00 am

Submitted by:

Ambuj Shukla

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को हिन्दू समाज को सुधार स्वीकार
करने वाला समाज करार दिया और जनप्रतिनिधियों को दूसरे लोगों की पीड़ा
समझने और उनकी सेवा करने की बात कही।

pm narendra modi

pm narendra modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को हिन्दू समाज को सुधार स्वीकार करने वाला समाज करार दिया और जनप्रतिनिधियों को दूसरे लोगों की पीड़ा समझने और उनकी सेवा करने की बात कही।

गौड़ीय मिशन और मठ की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर महानगर के नेताजी इनडोर स्टेडियम में आयोजित शताब्दी समारोह में मोदी ने कहा कि जो समाज सुधार स्वीकार नहीं कर सकता वह जीवित नहीं रह सकता। वह मुर्दा बन कर रह जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यवस्था और समाज पुराने होने पर उनमें बुराइयां आ जाती हैं। वह समाज के लिए बोझ बन जाता है। दुनिया में बहुत कम ऐसे समाज हैं, जो सुधार को स्वीकार करते हैं। प्रत्येक कालखण्ड में हिन्दू समाज में महापुरुष पैदा हुए जिन्होंने बुराइयों को रोका।

उन्हें सुधारा। हिन्दू समाज ने उस सुधार और सुधार लाने वाले महापुरुषों को स्वीकार किया। बंगाल के राजाराम मोहन राय ईश्वर चंद विद्यासागर वैसे ही महापुरुष थे।

इस मौके पर त्रिपुरा के राज्यपाल प्रो. तथागत राय, बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, केन्द्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो, राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हमकीम, मठ के अध्यक्ष परिवाजक गोस्वामी महाराज और सचिव भक्त सुहृदय संन्यासी महाराज सहित अन्य संन्यासी उपस्थित थे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रिय भजन वैष्णव जन ते कहिए रे… का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि खुद को जनप्रतिनिधि वही कहे जो दूसरे का दर्द समझे और दुखियों को उपकार करे। ऐसा करने पर जरा भी घमंड की भावना नहीं आए।


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