script

बाबू पहलवान के जादू टोनों से परेशान हो कर दी हत्या, पुलिस ने यूं सुलझाई गुत्थी

locationजोधपुरPublished: May 18, 2018 09:25:25 am

– बाबू पहलवान की हत्या का पांच माह बाद खुलासा

Jodhpur,murder mystery,jodhpur news,Jodhpur Hindi news,jodhpur latest news,police solve murder mystery,police solve murder case,jodhpur police,murder in jodhpur,

बाबू पहलवान के जादू टोनों से परेशान हो कर दी हत्या, पुलिस ने यूं सुलझाई गुत्थी


– दो चचेरे भाइयों सहित चारों आरोपी गिरफ्तार

जोधपुर . विजय चौक में किसान छात्रावास के सामने मकान में बाबू पहलवान की हत्या का पांच माह बाद गुरुवार को पदाफज़श कर सदर कोतवाली थाना पुलिस ने दो चचेरे भाइयों सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि बाबू के तांत्रिक क्रियाकलाप व जादू टोनों से परेशान होकर दोनों भाइयों ने अपने दो साथियों की मदद से हत्या की थी। आरोपियों को अंदेशा है कि गत वषज़् बहनोई की आकस्मिक मौत में भी मृतक की मैली क्रियाओं की भूमिका थी। पुलिस उपायुक्त (पूवज़्) डॉ. अमनदीपसिंह कपूर के अनुसार 21 दिसम्बर को मकान में व्हील चेयर पर बैठे बाबू पहलवान (70) पुत्र पन्नालाल वैष्णव की हत्या का पदाफज़श हो गया है। मूलत: जोधपुर हाल कोटा जवाहर नगर जितेन्द्र (56) पुत्र रामचन्द्र शमाज़् व उसके भाई जयपुर में सीरसी रोड पर मीनावाल निवासी धमेज़्न्द्र (53), मूलत: यूपी में मथुरा हाल कोटा निवासी रणवीर सिंह उफज़् नंदा (32) पुत्र प्रतापसिंह गुजज़्र और मूलत: एमपी में गुना हाल कोटा निवासी दौलतराम लोदा (23) पुत्र रामप्रताप को गिरफ्तार किया गया है। चारों को कोटा से पकड़कर लाया गया। पूछताछ में वारदात स्वीकारने पर चारों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में शामिल जितेन्द्र व धमेज़्न्द्र मृतक बाबू के चचेरे भाई हैं। कारज़्वाई में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूवज़्) अनंत कुमार व एसीपी (केन्द्रीय) विक्रम सिंह के नेतृत्व में थानाधिकारी इन्द्र सिंह, हैड कांस्टेबल चंचल प्रकाश, सुमेर सिंह, रमेश व कांस्टेबल पुखराज गोरछिया शामिल है।

पांच माह बाद ऐसे जुड़ी कडिय़ां

थानाधिकारी इन्द्र सिंह ने बताया कि बाबू ने घर में मैलड़ी माता का मंदिर बना रखा है। वह जादू टोने व झाड़-फूंक करता था। रामचन्द्र के पांचों पुत्र व घरवालों को संदेह था कि परिवार में अशांति, आथिज़्क तंगी व पांचों भाइयों को अलग करने के पीछे बाबू के जादू टोने हैं। इसी के चलते पांचों भाई अलग रह रहे हैं और आथिज़्क सम्पन्न भी नहीं है। बाबू के पिता के चार भाई थे। एक भाई रामचंद्र का परिवार तीस सालों से कोटा व अन्य जगह रहता है। यह परिवार बाबू के पूजा पाठ व जादू टोने से पीडि़त है। हत्या से दो माह पहले जितेन्द्र ने विजय चौक आकर बाबू को सबक सिखाने की धमकी दी थी। इसी सुराग से पुलिस ने दुबारा जांच शुरू की। जितेन्द्र के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली तो वारदात के समय उसकी मौजूदगी विजय चौक में पाई गई। इसके बाद अन्य आरोपियों की भूमिका भी सामने आती चली गई।

ट्रेंडिंग वीडियो