पांच माह बाद ऐसे जुड़ी कडिय़ां थानाधिकारी इन्द्र सिंह ने बताया कि बाबू ने घर में मैलड़ी माता का मंदिर बना रखा है। वह जादू टोने व झाड़-फूंक करता था। रामचन्द्र के पांचों पुत्र व घरवालों को संदेह था कि परिवार में अशांति, आथिज़्क तंगी व पांचों भाइयों को अलग करने के पीछे बाबू के जादू टोने हैं। इसी के चलते पांचों भाई अलग रह रहे हैं और आथिज़्क सम्पन्न भी नहीं है। बाबू के पिता के चार भाई थे। एक भाई रामचंद्र का परिवार तीस सालों से कोटा व अन्य जगह रहता है। यह परिवार बाबू के पूजा पाठ व जादू टोने से पीडि़त है। हत्या से दो माह पहले जितेन्द्र ने विजय चौक आकर बाबू को सबक सिखाने की धमकी दी थी। इसी सुराग से पुलिस ने दुबारा जांच शुरू की। जितेन्द्र के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली तो वारदात के समय उसकी मौजूदगी विजय चौक में पाई गई। इसके बाद अन्य आरोपियों की भूमिका भी सामने आती चली गई।