जिले में कांग्रेस को बागियों की चुनौती ज्यादा मिली है। उसके चार बागी प्रत्याशी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ खड़े हो गए है। जबकि भाजपा से एक ही बागी चुनाव मैदान में उतरा है। दोनों दल इन बागियों के कारण बिगडऩे वाले चुनावी गणित से चिंतित तो है, मगर अभी तक इन्हें मनाने की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ है। मनाने का प्रयास रणनीति बनाने तक की सीमित है।
देहात जिला कांग्रेस ने अपने महामंत्रियों को पार्टी के बागी उम्मीदवारों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन्होंने बागियों पर प्रभाव रखने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उन्हें मनाने की रणनीति बनाई है। ओसियां से महेन्द्रसिंह भाटी कांग्रेस की दिव्या मदेरणा, फलोदी से कुंभसिंह पातावत कांग्रेस के महेश व्यास, बिलाड़ा से विजेन्द्र झाला कांग्रेस के हीराराम मेघवाल और लूणी से पप्पूसिंह उदावत कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार महेन्द्र विश्नोई के सामने ताल ठोककर चुनावी मैदान में उतरे हैं। ये सभी पार्टी से टिकट मांग रहे थे, मगर टिकट नहीं मिला। कांग्रेस ने रणनीति भले ही बना ली हो, लेकिन ये सभी बागी इस बात से इंकार कर रहे हैं कि किसी पार्टी नेता ने मनाने के लिए उनसे संपर्क किया है।
भाजपा में केवल ओसियां में ही बगावत हुई है। पार्टी के पुराने कार्यकर्ता त्रिभुवन सिंह भाटी ने भाजपा के भैराराम सियोल के खिलाफ नामांकन पत्र दाखिल किया है। भाजपा नेता खुद मान रहे हैं कि हमने अभी तक भाटी से संपर्क नहीं किया है, मगर वे इस बात को लेकर निश्चिंत है कि उन्हें मना लिया जाएगा। भाटी राजपूत समाज से है और उन्हें अपने समाज के प्रबुद्ध लोगों के माध्यम से मनाने की रणनीति बनाई गई है।