जोधपुर

जोजरी में प्रदूषण रोकने को हुआ था जेपीएनटी का गठन, यहां बहाया जा रहा बिना ट्रीट किया हुआ दूषित पानी

टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से निकलने वाले रासायनिक पानी से जोजरी नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने तथा सीईटीपी के संचालन के लिए वर्ष 1999 में जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (जेपीएनटी) का गठन हुआ।

जोधपुरJul 21, 2019 / 04:34 pm

Harshwardhan bhati

जोजरी में प्रदूषण रोकने को हुआ था जेपीएनटी का गठन, यहां बहाया जा रहा बिना ट्रीट किया हुआ दूषित पानी

जोधपुर. टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से निकलने वाले रासायनिक पानी से जोजरी नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने तथा सीईटीपी के संचालन के लिए वर्ष 1999 में जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (जेपीएनटी) का गठन हुआ। वर्ष 2003 में सीईटीपी की शुरुआत की गई। इस प्लांट में 20 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पानी ट्रीट करने की क्षमता है।
40 एमएलडी पानी बिना ट्रीट जोजरी में जा रहा
हाल ही में विभिन्न विभागों द्वारा किए सर्वे में यह बताया गया है कि जोजरी नदी में विभिन्न दिशाओं से प्रतिदिन बिना ट्रीट हुए आने वाले पानी की मात्रा करीब 40 एमएलडी है।
इलेक्ट्रॉनिक फ्लो मीटर से डिस्चार्ज पानी की गणना
वर्तमान में जेपीएनटी की सभी सदस्य टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों में इलेक्ट्रॉनिक फ्लो मीटर लग चुके हैं। इन टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से डिस्चार्ज पानी की इलेक्ट्रॉनिक फ्लो मीटर के माध्यम से गणना की जा रही है। फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी की गणना का रिकॉर्ड ‘स्काडा’ सिस्टम से जेपीएनटी में लगे सर्वर पर किया जा रहा है।
एनजीटी की सख्ती के बाद लगे पीटीपी
एनजीटी ने 16 नवम्बर को जोजरी नदी में रासायनिक पानी के प्रभावी रोकथाम के लिए टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों को 1 जनवरी से पहले प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट (पीटीपी) लगाने के निर्देश दिए थे। साथ ही, पीटीपी नहीं लगाने वाली इकाइयों पर जुर्माने के आदेश दिए थे। वर्तमान में सभी इकाइयों में पीटीपी लग चुके हैं।
4 साल में 10 नोटिस
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मई माह में सीईटीपी का मुआयना किया। इस दौरान सीईटीपी पर पाई गई विसंगतियों के लिए नोटिस भी दिया। साथ ही, एनवायर्नमेंटल कम्पनशेसन के रूप में 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। बोर्ड की ओर से सीईटीपी पर एक बार ही जुर्माना लगाया गया है। बोर्ड की ओर से पिछले 4 वर्ष के दौरान सीईटीपी का अवलोकन कर 10 से ज्यादा नोटिस दिए गए हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आगामी कार्ययोजना मांगी
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में जेपीएनटी से सीईटीपी को लेकर आगामी कार्ययोजना की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। जेपीएनटी की ओर से 1.80 करोड़ रुपए लागत की सीईटीपी के पानी के पुन: उपयोग की कार्य योजना की रिपोर्ट पेश की गई है। इस कार्य योजना को पूरी करने के एवज में बैंक गारंटी के रूप में 3 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं।
हालात नहीं सुधरे तो एसटीएफ का हुआ गठन
एनजीटी ने सीईटीपी से समस्या समाधान नहीं होने की स्थिति में एसटीएफ के गठन का विचार किया। एनजीटी ने इस साल 17 मई को हुई सुनवाई में राज्य के पुलिस महानिदेशक को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन करने के निर्देश दिए। एसटीएफ में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 4 सब इंस्पेक्टर, 3 हैड कांस्टेबल, 21 कांस्टेबल के अलावा 2 वाहन व 6 ड्राइवर्स की टीम बनी। जिसे 24 घंटे में 3 पारियों में काम करने के निर्देश दिए गए हैं। एसटीएफ को जोजरी नदी व नालों में इकाइयों का गंदा पानी डालते मिलने पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने, गंदा पानी डालने के लिए उपयोग वाहन को सीज करने व सीज वाहन को एनजीटी के आदेश के बिना नहीं छोडऩे के आदेश दिए हैं। एसटीएफ फैक्ट्रियों की जांच के अलावा, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में भी सक्षम है।
नम्बर गेम

312 टेक्सटाइल इकाइयां जेपीएनटी से जुड़ी
94 स्टील इकाइयां जेपीएनटी से सम्बद्ध
1.50 करोड़ लीटर पानी प्रतिदिन ट्रीट किया जा रहा सीईटीपी में
20 एमएलडी पानी कुल ट्रीट करने की क्षमता सीईटीपी की
18 एमएलडी पानी टेक्सटाइल इकाइयों के ट्रीट करने की निर्धारित क्षमता
02 एमएलडी पानी स्टील व अन्य इकाइयो को ट्रीट करने की निर्धारित क्षमता
09 एकड़ जमीन में फैला है सीईटीपी
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