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मारवाड़ में रास आ रही अनार की खेती

locationजोधपुरPublished: Nov 22, 2021 05:30:45 pm

Submitted by:

Amit Dave

– बाड़मेर के बाद जोधपुर में भी किसान दिख रहे रुचि

मारवाड़ में रास आ रही अनार की खेती

मारवाड़ में रास आ रही अनार की खेती

जोधपुर।
पश्चिमी राजस्थान की शुष्क जलवायु के अनुकूल अनार की ओर किसानों का रुझान बढऩे लगा है। प्रदेश में बाड़मेर के बाद जोधपुर में भी किसानों को अनार की खेती रास आने लगी है। किसान अनार की पतझड़ करवाकर फ सल की तैयारी कर चुके है। मानसून से पहले ही किसान पतझड़ करवाकर पौधों के पोषण की व्यवस्था की है और फ रवरी माह तक फ ल पककर तैयार हो जाएंगे।जिले में करीब 2 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में अनार की बागवानी की गई है। प्रगतिशील किसान तुलछाराम सिंवर ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान में अनार की प्रसंस्करण इकाइयां लगती है तो किसानों की आय बढ़ाने में अनार का बड़ा योगदान हो सकता है। साथ ही, पश्चिमी राजस्थान अनार का बड़ा हब बन सकता है।

पानी में क्षारीयता के कारण भी बढ़ा रुझान
जिले में भूजल के गिरते स्तर के कारण पानी की बढ़ती क्षारीयता व कम उपलब्धता इस परिस्थिति के अनुकूल होने के चलते किसानों का अनार की बागवानी की ओर रुझान बढ़ा है। अनार के पौधों में ड्रिप प्रणाली से पानी देने, अन्य फ सलों की अपेक्षा कम पानी की आवश्यकता के चलते व हल्के क्षारीय पानी मे भी उत्पादन देने के गुण के कारण पश्चिमी राजस्थान के किसानों का रुझान अनार की ओर बढ़ा है।
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बाड़मेर-जालोर उत्पादन में टॉप पर
वर्ष 2010 से बाड़मेर जिले में अनार की खेती शुरू हुई थी। प्रदेश में अनार की खेती करीब 11 हजार हेक्टेयर में की जा रही है तथा इसका उत्पादन 77 हजार मीट्रिक टन हुआ है। प्रदेश के 90 प्रतिशत क्षेत्रफ ल बाड़मेर और जालोर जिले में है। इन क्षेत्रों का अनार नरम बीज, भगवा रंग, काफ ी दिनों तक यह खराब नहीं होता है, इन्हीं गुणों के कारण यहां का अनार अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक गुणवत्तायुक्त है।

गुणवत्ताजांच प्रयोगशाला खुलेगी
हाल ही में, कृषि विश्वविद्यालय में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपिडा) व राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला हुई। जिसमें एपिडा ने अनार के निर्यात के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं, गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला, कृषकों का प्रशिक्षण व दूसरे राज्य में एक्सपोजर भ्रमण करानेके संकेत दिए है। कृषि विवि के कुलपति प्रो बीआर चौधरी ने बताया कि एपिडा अनार के गुणवत्तायुक्त उत्पादन व निर्यात के लिए कृषि विश्वविद्यालय में फ ायटोसैनेटरी व टिश्यू कल्चर लेब की स्थापना के लिए सहयोग देगा।

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