कहीं पशु चिकित्सालय तो कहीं समाजकंटकों का अड्डा
पीपाड़ सिटी का राजकीय पशु चिकित्सालय प्रथम श्रेणी अब राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नं. 2 के भवन में गत 3 वर्षों से चल रहा हैं। राउप्रावि विद्यालय को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में समायोजित कर दिया गया था। पशुपालन विभाग के पास खुद का सरकारी भवन नही है। पालिका प्रशासन ने 40 वर्षों में भूमि आवंटित नहीं की, अब तीन वर्ष से सरकार ने सरकारी स्कूल भवन में पशु अस्पताल को शिफ्ट कर दिया है।
पीपाड़ सिटी का राजकीय पशु चिकित्सालय प्रथम श्रेणी अब राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नं. 2 के भवन में गत 3 वर्षों से चल रहा हैं। राउप्रावि विद्यालय को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में समायोजित कर दिया गया था। पशुपालन विभाग के पास खुद का सरकारी भवन नही है। पालिका प्रशासन ने 40 वर्षों में भूमि आवंटित नहीं की, अब तीन वर्ष से सरकार ने सरकारी स्कूल भवन में पशु अस्पताल को शिफ्ट कर दिया है।
वहीं पीपाड़सिटी के आदर्श सांसद ग्राम योजना में चयनित खांगटा गांव में राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय को भी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खांगटा में मर्ज कर दिया गया। यह खाली भवन गांव असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। कई बार विवाह की बारातें भी ठहरा दी जाती हैं। जानकारी अनुसार इस भवन का निर्माण फिल्म निर्माता केसी बोकाडिय़ा के परिवार की ओर से तीस वर्ष पहले गांव में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कराया गया था।
680 भवनों का उपयोग, 3694 खाली पड़े
शिक्षा विभाग ने न्यून नामांकन वाली स्कूलों को नजदीक स्कूलों में मर्ज किया था, इनमें ज्यादातर प्रारंभिक सेटअप की स्कूल माध्यमिक सेटअप की स्कूल में समायोजित की गई। प्रदेश के आंकड़ों पर नजर डालें तो 680 भवनों का उपयोग हो रहा है। जबकि शेष जगहों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। शिकायतें हैं कि खाली स्कूल भवनों में असामाजिक तत्वों का जमघट लग रहा है। इन भवनों में आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, वाणिज्य कर, पुलिस चौकी, नगर निगम, खनिज, महिला एवं बाल विकास विभाग, कौशल विकास, आंगनबाड़ी, जल व उच्च शिक्षा जैसे विभाग चल रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने न्यून नामांकन वाली स्कूलों को नजदीक स्कूलों में मर्ज किया था, इनमें ज्यादातर प्रारंभिक सेटअप की स्कूल माध्यमिक सेटअप की स्कूल में समायोजित की गई। प्रदेश के आंकड़ों पर नजर डालें तो 680 भवनों का उपयोग हो रहा है। जबकि शेष जगहों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। शिकायतें हैं कि खाली स्कूल भवनों में असामाजिक तत्वों का जमघट लग रहा है। इन भवनों में आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, वाणिज्य कर, पुलिस चौकी, नगर निगम, खनिज, महिला एवं बाल विकास विभाग, कौशल विकास, आंगनबाड़ी, जल व उच्च शिक्षा जैसे विभाग चल रहे हैं।
जानिए मंडलवार जिलों का हाल जिले का नाम – करीब इतने स्कूल भवन खाली
अजमेर – 400
जयपुर – 350
जोधपुर – 500
कोटा – 100
बीकानेर – 400
उदयपुर – 100 इनका कहना है
जिला कलक्टर के निर्देश पर ऐसी स्कूलों को अन्य विभागों को भी दिया जाएगा। लोगों की मांग अनुरूप पुन: स्कूल भी संचालित किए जाएंगे। ताकि भवनों का सदुपयोग हो।
– श्यामसुंदर सोलंकी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जोधपुर मंडल
अजमेर – 400
जयपुर – 350
जोधपुर – 500
कोटा – 100
बीकानेर – 400
उदयपुर – 100 इनका कहना है
जिला कलक्टर के निर्देश पर ऐसी स्कूलों को अन्य विभागों को भी दिया जाएगा। लोगों की मांग अनुरूप पुन: स्कूल भी संचालित किए जाएंगे। ताकि भवनों का सदुपयोग हो।
– श्यामसुंदर सोलंकी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जोधपुर मंडल