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जोधपुर के इन शिक्षा के मंदिरों में विद्यार्थियों पर मंडरा रहा जान का खतरा, कहीं करौली की यादें न हो जाएं ताजा

locationजोधपुरPublished: Mar 14, 2018 03:50:52 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

हमारे यहां न हो जाए करौली जैसी घटना, सबक ले शिक्षा विभाग

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अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. एक तरफ सरकारी स्कूलों में विषयाध्यापकों और सुविधाओं का टोटा है तो दूसरी ओर कई विद्यालयों के भवन भी शिक्षा लेने लायक नहीं है। जोधपुर जिले में 11 सौ स्कूलों को मरम्मत की दरकार है। कई स्कूल जर्जर होने लगे हैं, जिससे यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों की जान को भी खतरा है। हाल ही में करौली में राजकीय माध्यमिक विद्यालय का एक दरवाजा छात्रा पर गिर जाने से उसकी मौत हो गई। इसी खतरे के मद्देनजर राजस्थान पत्रिका ने शहर की स्कूलों के हालात खंगाले तो कई जगह स्थिति भयावह नजर आई। जहां खुलेतौर पर विद्यार्थियों की जान पर खतरा मंडराता नजर आया।
जबकि इन विद्यालयों में हजारों बच्चे अध्ययनरत है। स्कूलों की मरम्मत के लिए सरकार के मार्फत आने वाली राशि भी नाकाफी है। करोड़ों रुपयों की लागत के ऐतिहासिक भवन वर्तमान में अपनी दुर्दशा की कहानी स्वयं बता रहे हैं। शिक्षा विभाग के राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्व शिक्षा अभियान के जरिए विद्यालयों में जारी की जाने वाली राशि भी हर साल नाकाफी साबित होती है। ऐतिहासिक विद्यालयों की मदद के लिए भी कम से कम करोड़ों रुपयों की राशि चाहिए, जबकि राज्य सरकार के पास इतना बजट भी नहीं है। ज्यादातर विद्यालयों के संस्था प्रधान मरम्मत के लिए भामाशाहों के भरोसे बैठे हैं।
106 साल पुरानी फतेहपोल स्कूल, सुध लेने वाला कोई नहीं

भीतरी शहर की राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक फतेहपोल स्कूल की हालत मरम्मत के अभाव में खस्ता होती जा रही है। इस स्कूल को सुधारने के लिए करोड़ों रुपए चाहिए। स्कूल एक-दो लाख की राशि से सुधारा जा रहा है, जो नाकाफी है। यहां कक्षाओं में सीलन आती है। बच्चे कक्षाओं में आंख ऊपर नहीं उठा सकते है। बारिश के दिनों में कक्षाओं में बैठना छात्राओं के लिए दुश्वार हो जाता है। कुछ समय पहले बारिश के सीजन में स्कूल का छज्जा गिर गया था। बारिश के मौसम में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं। शानदार नक्काशी, झरोखे और ऐतिहासिक दीवारों पर कारीगरी वाली यह स्कूल पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। ऐसे ही हालात बालिका राजमहल, गल्र्स व ब्वॉयज ह्यूसन मंडी व राउमावि सिवांची गेट सफीला कॉलोनी के हैं। जहां विद्यार्थियों के लिए शिक्षा लेना किसी चुनौती से कम नहीं है।
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