प्रसव के 48 घंटे के भीतर कॉपर टी अस्पताल में प्रसव के 48 घंटे के भीतर प्रसूता को कॉपर टी लगाई जाती है। इसके बाद पीरीयड के पांचवें दिन कॉपर टी लगाने का प्रावधान होता है, लेकिन ये कार्य भी अस्पताल में नहीं कराए जा रहे हैं। महिलाएं ये कॉपर टी प्रसव के पांच साल बाद या पहले भी चिकित्सक से संपर्क कर हटवा भी सकती हैं। योजना का मकसद प्रसूताओं को जल्दी मां बनने से रोकना है। कॉपर टी लगाने के लिए प्रसूता की सहमति लेनी होती है। लेकिन कई प्रसूताएं सहमति नहीं देती, कइयों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से योजना की जानकारी नहीं दी जाती।
जोधपुर में ये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं कर रहे कार्य जोधपुर जिले में केतूकलां, चंपासर, हतुंडी, खांगटा, बाला, कापरड़ा, खेजड़ी कलां, बापिणी, भीकमकौर, चेराई, मतोड़ा, पल्ली, पंचला खुर्द, पंडित जी की ढाणी, चेराई, देणोक, जालोड़ा, खारा, लोर्डियां, चांदसमा स्वास्थ्य केन्द्रों में अप्रेल से जून माह के मध्य 362 डिलीवरी हुई। लेकिन एक भी महिला को कॉपर टी लगाने के लिए प्रेरित नहीं किया गया।
संभागीय मुख्यालय के हाल जिला – प्रसव हुए -पीपीआयूसीडी प्रगति जयपुर – 68 – 0
जोधपुर – 362 – 0
अजमेर – 154 – 0
बीकानेर – 124 – 0
कोटा – 18 – 0
उदयपुर – 319 – 0
(संभागीय मुख्यालय के कुछ जिलों के स्वास्थ्य केन्द्रों की जारी रिपोर्ट हैं।) इनका कहना है… ‘कई जगह स्टाफ ट्रेंड नहीं है। कोई स्टाफ ट्रेंड है तो उसका स्थानांतरण हो चुका है। इस संबंध में लिस्ट बनाएंगे, ताकि कार्य सुचारू चले।
– रामनिवास सेंवर, अतिरिक्त सीएमएचओ, स्वास्थ्य विभाग