गांवों में अरसे तक सूने खेतों में अब किसानों ने साफ-सफाई के लिए सूड़ का काम शुरु कर दिया है, तो कहीं सुखद बारिश वाले गांवों में ट्रैक्टरों व कहीं-कहीं ऊंटों की मदद से हल चलने लगे हैं। पेट्रोल-पम्पों पर डीजल व खाद-बीज की दुकानों पर बीज लेने किसानों की भीड़ उमडऩे लगी है। मिस्त्रियों की दुकानों पर भी टे्रक्टरों की कतारें लगी नजर आती है।
भोपालगढ़ सहित ग्रामीण इलाकों में लगातार दो-तीन बार हुई प्री-मानसून की हल्की व तेज बौछारों वाली बारिश तथा कुछेक गांवों में सुखद बुवाई लायक बारिश के बाद किसानों ने भी 'हळोतिए` की शुरुआत कर खेतों में बाजरा, मूंग, मोठ व तिल आदि सावणी फसलों की बुवाई शुरु कर दी है। किसानों ने मंगलवार से ही खेतों में अलसुबह पहुंचकर सार-संभाल व सूड़ (खेत में खड़ी खरपतवार हटाने) का काम प्रारंभ कर दिया।
बीज की दुकानों पर किसानों की आवाजाही रहने लगी है और किसानों व कृषक महिलाओं ने घर पर बीज आदि तैयार करने का काम शुरु किया है। प्री-मानसून की दस्तक के साथ हुई बरसात के बाद गांवों में धरतीपुत्रों ने सावणी खेती की तैयारियां शुरु करने के साथ खेती में मददगार कहे जाने वाले टे्रक्टर, हल, तवियां आदि की सार-संभाल शुरु की है और मिस्त्रियों के यहां टे्रक्टरों की कतारें लगने लगी है। दुकानों पर किसानों को हल, तवियां तैयार कराते देखा जा सकता है।
किसान जुटे बुवाई में ग्रामीण इलाकों में मानसून पूर्व बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है और खरीब फसलों की बुवाई शुरु की है। कई गांवों में तो पिछले दिनों किसानों ने सावणी फसलों की बुवाई का काम शुरु किया था और एक बार तो कुछेक जगहों पर दुबारा बारिश होने से फसलें 'रोड़ली' हो गई थी और वहां अब दुबारा खेतों में हल चलने लगे हैं। किसानों का कहना है कि अच्छी बारिश से किसानों ने बुवाई के लिए अपने खेत जोत दिए हैं। विभिन्न सावणी फसलें जिसमें मूंग, बाजरा, मोठ, ग्वार, तिल आदि फसलों की बुवाई की जा रही है।