तिंवरी निवासी एक 15 वर्षीय बच्ची के सिर दर्द होने की शिकायत को लेकर उसके परिजन 28 अगस्त को तिंवरी के राजकीय आदर्श प्राथमिक चिकित्सालय पहुंचे। जहां कार्यरत नर्स शारदा चौधरी ने अस्पताल में हिमोग्लोबिन जांच कराई। इसके बाद बच्ची समेत परिजनों को अस्पताल परिसर स्थित अपने क्वार्टर बुलाया। जहां जांच कर नाबालिग को 3 महीने की गर्भवती बताया और गर्भ गिराने के नाम पर 8 हजार500 रुपए मांगे। जिसमें से 3 हजार 500 पहले व शेष राशि बाद में देने की बात कही।
नाबालिग के गर्भवती होने की बात सुन परिजनों के होश उड़ गए। सहमे परिजनों ने बुधवार को जोधपुर के एक निजी अस्पताल में जांच करवाई तो नाबालिग के गर्भवती होने की कोई पुष्टि नहीं हुई। ऐसे में बुधवार देर शाम गुस्साए परिजनों के साथ काफी ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचकर नर्स को हटाने की मांग को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। ग्रामीणों ने अस्पताल का निरीक्षण करने आए सीएमएचओ सुनिल बिस्ट को ज्ञापन देक र नर्स को हटाने की मांग की है।
रिपोर्ट में गर्भवती होने की पुष्टि नहीं
मैं आज तिंवरी आया हुआ था। ग्रामीणों ने नर्स शारदा चौधरी की शिकायत में आरोप लगाया कि नर्स ने नाबालिग बच्ची को गर्भवती बताया है। जोधपुर अस्पताल की जांच रिपोर्ट में गर्भवती होने की पुष्टि नहीं है। यदि नर्स ने ऐसा किया है तो गलत है। पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर नर्स के खिलाफ कार्रवाई होगी।
मैं आज तिंवरी आया हुआ था। ग्रामीणों ने नर्स शारदा चौधरी की शिकायत में आरोप लगाया कि नर्स ने नाबालिग बच्ची को गर्भवती बताया है। जोधपुर अस्पताल की जांच रिपोर्ट में गर्भवती होने की पुष्टि नहीं है। यदि नर्स ने ऐसा किया है तो गलत है। पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर नर्स के खिलाफ कार्रवाई होगी।
सुनिल बिस्ट, सीएमएचओ, जोधपुर मुझे कोई जानकारी नहीं नाबालिग लडक़ी को गर्भवती बताने का मुझ पर जो आरोप लगाया जा रहा है। इस संदर्भ में मुझे कोई जानकारी नहीं है। अगर शिकायत है, तो जांच करवा ली जाए।
शारदा चौधरी, नर्स।