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एेसा गांव जहां 11 किलोमीटर पहले छोडऩे पड़ते है वाहन

locationजोधपुरPublished: Mar 12, 2018 12:54:23 am

Submitted by:

Manish kumar Panwar

जोधपुर. देश को आजाद हुए करीब 70 साल हो गए है। जहां देश विकास की गति में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Prime Minister gave instructions to the Chief Secretary
जोधपुर . देश को आजाद हुए करीब 70 साल हो गए है। जहां देश विकास की गति में तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन जिले के लोहावट तहसील एक गांव धोलासर ऐसा भी है। जहां लोगों अभी तक मूलभूत सुविधाओं की दरकार है। यहां के लोगों ने गांव में मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रशासन से लेकर सरकार तक मांग की लेकिन मांगें मांगपत्र बनकर सरकारी दफ्तरों में कागजों के बीच ही दफन हो गई। इस गांव में आजादी के ७० साल बाद भी डामर की सड़क अभी तक सपना ही बना हुआ है। गांव में अभी तक डामर की सड़क तक नही पहुंच पाई। हजारों की आबादी वाले धोलासर ग्राम पंचायत में ग्राम वासियो ने गाडिय़ां खरीदने का तो सपना पूरा कर लिया है। लेकिन गाडिय़ों को घर तक ले जाना महज सपना ही है। लेकिन गांव के युवा भाजपा नेता अमृत पंचारिया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गांव की असुविधाओं से निजात दिलाने की मांग की थी। जिसके बाद पीएमओ की ओर से पद्रेश के मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर मामले को देखने को कहा है। इसके बाद गांव के लोगों को कुछ उम्मीद जगी है कि शायद अब गांव में डामर सड़क का सपना हकीकत में बदल जाएगा। पंचारिया ने बताया कि गांव में मीठे पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीण खारां पानी पीने को मजबूर है। इन मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले 10 सालों से सरकार से मांग कर रहे थे। इसके लिए संबंधित अधिकारियों, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक उक्त समस्याओं से अवगत करवाया । लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है।
11 किलोमीटर पहले छोड़ते है वाहन
ग्रामीणों को अपने घर जाने के लिए खुद के वाहनों को गांव से करीब 11 किलोमीटर पहले खड़े करने पड़ते है। भाजपा युवा नेता अमृत पंचारिया ने बताया कि गांव से इतने दूर वाहन छोड़कर वंहा से पैदल जाना पड़ता है। क्योंकि रेतीले मार्ग और उबड़- खाबड़ कच्चा मार्ग होने से वाहनों को आगे तक नही ले जाना संभव नहीं है।सांसद विश्नोई ने की थी राह आसान
इस गांव तक कच्चे मार्ग से ग्रेवल मार्ग के लिए वर्ष 2003-04 में तत्कालीन सांसद जसवंतसिंह बिश्नोई ने उनके निजी सचिव रहे तुलसीराम पंचारिया के आग्रह पर एक बार ग्रेवल सड़क का निर्माण किया था। लेकिन १४ साल बाद अव ग्रेवल मार्ग से कंकरीट गायब होकर रेतीला मार्ग बस हुआ है। मार्ग में पूरी इतनी रेत आ चुकी है कि लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी आती है।
नहीं है यात्री बस की सुविधा
गांव में सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को शहर जाने के लिए किसी भी प्रकार की यात्री बस की सुविधा नहीं है। एेसेे में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पंचारिया ने बताया कि धोलासर ग्राम पंचायत में राजस्व गांव महर्षि गौतम नगर व लक्ष्मण नगर आते है। इसके पास ग्राम पंचायत पलीना और पडिय़ाल को जोडऩे के लिए किसी भी प्रकार की पक्की और कच्ची सड़क नही है।ना स्वास्थ्य केंद्र और ना ही १२वीं तक स्कूल
गांव में हजारों की आबादी निवास कर रही है। लेकिन गांव में किसी भी प्रकार की कोई चिकित्सा सुविधा नहीं है। छोटी सी तकलीफ होने या बीमार होने पर इलाज के लिए ग्रामीणों को 25 किलोमीटर दूर फलौदी जाना पड़ता है। राज्य सरकार ने हर ग्राम पंचायत स्तर पर 12वीं तक विद्यालय खोलने की घोषणा की है। लेकिन धोलासर गांव अभी भी १०वीं तक ही स्कूल है। इसके कारण 10वीं के बाद बालक-बालिकाओं को जोधपुर जाना पड़ता है। जिस कारण बालिकाओं को शिक्षा बीच में ही छोडऩी पड़ रही है।
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