जोधपुर

कोबरा वायर फेंसिंग व इम्प्रूव्ड अलार्म सिस्टम से होगी बॉर्डर की सुरक्षा

– बीएसएफ अलर्ट, पड़ोसी मुल्क की हर गतिविधि पर रख रहा पैनी नजर
– बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर के नए महानिरीक्षक अमित लोढ़ा ने पदभार ग्रहण किया

जोधपुरJun 20, 2019 / 10:04 pm

Amit Dave

कोबरा वायर फेंसिंग व इम्प्रूव्ड अलार्म सिस्टम से होगी बॉर्डर की सुरक्षा

जोधपुर।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ)की ओर से पश्चिमी राजस्थान के बॉर्डर की सुरक्षा लिए जल्द ही कोबरा वायर फेंसिंग और इम्प्रूव्ड अलार्म सिस्टम के माध्यम से स्मार्ट फेंसिंग का काम पूरा किया जाएगा। यह बात बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर के नए महानिरीक्षक अमित लोढ़ा ने कहीं। बीएसएफ मुख्यालय में गुरुवार को पदभार ग्रहण करने के बाद लोढ़ा ने बताया कि बीएसएफ की ओर से स्मार्ट सीमाओं सुरक्षा के लिए स्मार्ट फेंसिंग का कार्य चल रहा है। जिसमें इंफ्रारेड सेंसर लगाने का काम शुरू किया गया है। उन्होंने बीएसएफ के अगले एक्शन प्लान के बारे में जानकारी व आने वाले दिनों में कई बदलाव के संकेत दिए

बीएसएफ अलर्ट, सीमाएं सुरक्षित

बॉर्डर पर फेंसिंग के बावजूद सीमापार से संदिग्ध गतिविधियों, तस्करी आदि घटनाओं के लिए पूर्व में सीमा पर तैनात बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट (बीआइपी) की तैनातगी को लेकर लोढ़ा ने बताया कि इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक व अन्य एजेंसियों से चर्चा चल रही है। पूर्व में राजस्थान फ्रंटियर की करीब 800 किमी सीमा पर 29 बीआइपी पोस्ट तैनात थी, जिनको वर्ष 2009-10 में हटा दिया गया था। फिर भी, बीएसएफ के इंटेलिजेंस सपोर्ट सिस्टम अलर्ट है। बीएसएफ के पास पर्याप्त मैनपावर है, राजस्थान सहित देश की सीमाएं सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ का स्थानीय पुलिस, आइबी और इंटेलिजेंस से अच्छा कोऑर्डिनेशन है और पड़ोसी मुल्क की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है ।

पेट्रोलिंग के लिए सेंड स्कूटर बढाएंगे, लेकिन ऊंट अभी भी अच्छे साधन

सीमा पर जवानों द्वारा पेट्रोलिंग के सवाल पर आइजी लोढ़ा ने बताया कि बदलते समय के साथ उच्च तकनीक वाले संसाधन जुटाएंगे। रेगिस्तान के टीलों पर पेट्रोलिंग के लिए सेंड स्कूटर बढाएंगे लेकिन अभी भी जिप्सी ओर ऊंट पेट्रोलिंग के लिए सबसे अच्छा साधन है। बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) के बीच में दूरियां कम करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवानों की नजर हमेशा सीमाओं पर रहेगी। उन्होंने बताया कि जब वे जैसलमेर में डीआइजी थे तब उन्होंने सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू किया था लेकिन अब उनका प्रयास होगा कि उच्च तकनीक के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि बेहतर तरीके से सीमाओं की सुरक्षा हो सके।
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