शिक्षकों की कमी रही मुख्य वजह
तालाबंदी की मुख्य वजह शिक्षकों की कमी रही। राज्य सरकार ने कई जगह से शिक्षक हटा दिए, तो कई जगह पर विषयाध्यापक नहीं मिले। अन्य मांगों को लेकर भी विद्यार्थियों ने तालाबंदी की। अकेले जोधपुर जिले में साल २०१५, २०१६ और २०१७ में तालाबंदी की कुल ३२ घटनाएं हुई। इसमें सात प्रारंभिक शिक्षा विभाग के (पांचवीं-आठवीं) और २५ माध्यमिक शिक्षा विभाग (दसवीं-बारहवीं) के विद्यालयों में हुई। ४८६१० पद खालीप्रदेश के राजकीय विद्यालयों में ४८ हजार ६ सौ १० शिक्षकों के पद खाली हैं। मार्च २०१७ के रिकार्ड के अनुसार व्याख्याता १६ हजार ८ सौ ४२, वरिष्ठ अध्यापक १५ हजार ७ सौ २५, तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल प्रथम ५ हजार २ सौ ५६ और तृतीय श्रेणी लेवल-२ अध्यापक १० हजार ७ सौ ८७ शिक्षक कम हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षक नियुक्त किए गए, फिर भी कमी ही है।
तालाबंदी की मुख्य वजह शिक्षकों की कमी रही। राज्य सरकार ने कई जगह से शिक्षक हटा दिए, तो कई जगह पर विषयाध्यापक नहीं मिले। अन्य मांगों को लेकर भी विद्यार्थियों ने तालाबंदी की। अकेले जोधपुर जिले में साल २०१५, २०१६ और २०१७ में तालाबंदी की कुल ३२ घटनाएं हुई। इसमें सात प्रारंभिक शिक्षा विभाग के (पांचवीं-आठवीं) और २५ माध्यमिक शिक्षा विभाग (दसवीं-बारहवीं) के विद्यालयों में हुई। ४८६१० पद खालीप्रदेश के राजकीय विद्यालयों में ४८ हजार ६ सौ १० शिक्षकों के पद खाली हैं। मार्च २०१७ के रिकार्ड के अनुसार व्याख्याता १६ हजार ८ सौ ४२, वरिष्ठ अध्यापक १५ हजार ७ सौ २५, तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल प्रथम ५ हजार २ सौ ५६ और तृतीय श्रेणी लेवल-२ अध्यापक १० हजार ७ सौ ८७ शिक्षक कम हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षक नियुक्त किए गए, फिर भी कमी ही है।
जानें कुछ जिलों का हाल
जिला – कितनी बार तालाबंदी जयपुर – ३७
जोधपुर – ३२ उदयपुर – ६
कोटा – ९ बीकानेर – ६
अजमेर – ८
जिला – कितनी बार तालाबंदी जयपुर – ३७
जोधपुर – ३२ उदयपुर – ६
कोटा – ९ बीकानेर – ६
अजमेर – ८
झालावाड़ – १७
जालोर – २२ बाड़मेर – ५
जैसलमेर – ४ चित्तौडग़ढ़ – ४०
नागौर – ३८ दौसा – ४९ (आंकड़े प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीनस्थ विद्यालयों के मार्च २०१७ तक के हैं।)
जालोर – २२ बाड़मेर – ५
जैसलमेर – ४ चित्तौडग़ढ़ – ४०
नागौर – ३८ दौसा – ४९ (आंकड़े प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीनस्थ विद्यालयों के मार्च २०१७ तक के हैं।)
बनाया था कंट्रोल रूम इस साल हमने तालाबंदी के लिए कंट्रोल ऑफिस बनाया था। यह एक-डेढ़ माह तक चला। इस सत्र में एक भी जगह तालबंदी नहीं हुई है। ओमसिंह राजपुरोहित, कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम, जोधपुर